एआई, स्टार्टअप्स पर फोकस के साथ मिलकर काम करने पर सहमत भारत और जर्मनी

India and Germany agree to work together with focus on AI, startups
एआई, स्टार्टअप्स पर फोकस के साथ मिलकर काम करने पर सहमत भारत और जर्मनी
द्विपक्षीय संबंध एआई, स्टार्टअप्स पर फोकस के साथ मिलकर काम करने पर सहमत भारत और जर्मनी
हाईलाइट
  • मंत्रियों ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और जर्मनी मंगलवार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) स्टार्टअप्स के साथ-साथ एआई रिसर्च और सस्टेनेबिलिटी तथा स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में इसके अनुप्रयोग (एप्लिकेशन) पर ध्यान केंद्रित करने के साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए।

भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह और जर्मनी की शिक्षा और अनुसंधान मंत्री, बेट्टीना स्टार्क-वाट्जिंगर ने बर्लिन में अपनी बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच चल रहे विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग पर संतोष व्यक्त किया, जो द्विपक्षीय संबंधों के रणनीतिक स्तंभों में से एक है।

अधिकारियों ने कहा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में एक साथ काम करने की बहुत गुंजाइश है, जिसके लिए दोनों पक्षों के विशेषज्ञ पहले ही मिल चुके हैं। इसे लेकर प्रस्तावों के लिए एक इंडो-जर्मन कॉल जल्द ही शोधकर्ताओं और उद्योग से प्रस्तावों को आमंत्रित करते हुए उठाया जाएगा।

बर्लिन में अपनी आधिकारिक यात्रा के तीसरे दिन, डॉ. जितेंद्र सिंह ने उल्लेख किया कि दोनों देश अब विद्युत गतिशीलता (इलेक्ट्रिक मोबिलिटी), साइबर भौतिक प्रणाली (फिजिकल सिस्टम), क्वांटम प्रौद्योगिकी, भविष्य के निर्माण, हरित हाइड्रोजन ईंधन, गहरे समुद्र में अनुसंधान सहित विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अग्रणी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं और इन क्षेत्रों में संयुक्त सहयोग विकसित करने का प्रस्ताव रखा है।

दोनों देशों ने सस्टेनेबिलिटी और हेल्थकेयर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोग जैसे क्षेत्रों में एक-दूसरे की ताकत को परखना करना शुरू कर दिया है।

दोनों मंत्रियों ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की है कि हाल ही में विज्ञान और इंजीनियरिंग में मानव क्षमता विकास के लिए कई पहल की गई हैं, जिसमें विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान में महिलाओं की भागीदारी (डब्ल्यूआईएसईआर) शामिल है, ताकि चल रही एस एंड टी परियोजनाओं में महिला शोधकर्ताओं के पाश्र्व प्रवेश (लैटरल एंट्री) की सुविधा हो। इसके अलावा दोनों पक्षों के युवा शोधकर्ताओं के आदान-प्रदान के साथ भारत-जर्मन एस एंड टी सहयोग के लिए एक समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र (इन्क्लूसिव इकोसिस्टम) बनाने वाली जोड़ीदार प्रारंभिक कैरियर फैलोशिप (पीईसीएफ) भी है।

इस दौरान स्टार्क-वाट्जिंगर ने उभरते विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में साझेदारी करके द्विपक्षीय वैज्ञानिक सहयोग को और मजबूत करने के विचार का समर्थन किया, जहां जर्मनी और भारत दोनों के पास एक साथ काम करने और दो समाजों की सेवा करने की ताकत है।

(आईएएनएस)

Created On :   3 May 2022 8:00 PM IST

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