सैन्य कूटनीति को आगे बढ़ाते हुए पड़ोसी देशों से मेलजोल बढ़ा रहा भारत

India continues to mingle with neighboring countries, advancing military diplomacy
सैन्य कूटनीति को आगे बढ़ाते हुए पड़ोसी देशों से मेलजोल बढ़ा रहा भारत
सैन्य कूटनीति को आगे बढ़ाते हुए पड़ोसी देशों से मेलजोल बढ़ा रहा भारत
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  • सैन्य कूटनीति को आगे बढ़ाते हुए पड़ोसी देशों से मेलजोल बढ़ा रहा भारत

नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। भारत के प्रतिष्ठित रणनीतिक नेतृत्व संस्थान नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) में अब पड़ोसी देशों के और अधिक अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। क्योंकि नई दिल्ली अब चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए पड़ोसियों के साथ अपने जुड़ाव को और भी मजबूत करने में लगी है।

पांच और मित्र देश - ताजिकिस्तान, इंडोनेशिया, मालदीव, उज्बेकिस्तान और फिलीपींस अब राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित क्षेत्रों में अपने अधिकारियों को वार्षिक प्रशिक्षण के लिए भारत भेजने में सक्षम होंगे।

एनडीसी की शुरूआत 1960 में 21 प्रतिभागियों के साथ की गई थी। रक्षा सचिव अजय कुमार ने संस्था की डायमंड जुबली (हीरक जयंती) के अवसर पर एक बयान में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, अगले दो वर्षों में एनडीसी अपनी मौजूदा 100 की क्षमता के साथ 20 और प्रतिभागियों को बढ़ाने जा रहा है।

कुमार ने कहा कि भारत मित्र देशों की ओर से आ रही भारी मांग को ध्यान में रखते हुए सीटें बढ़ा रहा है।

मौजूदा 100 सीटों की क्षमता में से 75 भारतीय वरिष्ठ रक्षा और सिविल सेवा अधिकारियों के लिए आरक्षित हैं और 25 विदेशी महाद्वीपों के अधिकारियों के लिए हैं।

यह पता चला है कि 20 बढ़ी हुई सीटों में से लगभग आधी मित्र देशों के लिए आरक्षित होंगी। सीटें नेपाल, म्यांमार और बांग्लादेश से आने वाले अधिकारियों के लिए भी आरक्षित हैं। अधिकारी ने कहा कि 10 सीटें 2021 में और 10 सीटें 2022 में बढ़ाई जाएंगी।

एनडीसी न केवल पड़ोस में बल्कि विश्व स्तर पर मित्र देशों के साथ मजबूत संबंधों को बढ़ावा देने और इन्हें मजबूत बनाने के लिए राष्ट्र के एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में भी कार्य करता है।

इसके अलावा कुमार ने कहा कि अगले सत्र से प्रेसिडेंट चेयर ऑफ एक्सिलेंस को संस्था में स्थापित करने की योजना बनाई गई है।

एनडीसी का उद्देश्य भविष्य के नीति निर्माताओं को राष्ट्रीय रणनीति की योजना में शामिल विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सैन्य, वैज्ञानिक और संगठनात्मक पहलुओं की व्यापक समझ के लिए आवश्यक पृष्ठभूमि से लैस करना है।

भारत-प्रशांत और भारतीय उप-महाद्वीप में बढ़े हुए सुरक्षा परि²श्य के साथ-साथ भू-राजनीतिक वातावरण और विश्व व्यवस्था के पुनरुत्थान में हाल के बदलावों का भारत के विकास पर सीधा प्रभाव पड़ता है।

संस्था ने पांच नवंबर से छह नवंबर तक डायमंड जुबली अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार की योजना भी बनाई है, जिसकी प्रमुख थीम भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा - द डिकेड अहेड विषय पर रहेगी।

दो दिवसीय वेबिनार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मुख्य भाषण के साथ शुरू होगा। वह 60वें एनडीसी पाठ्यक्रम के स्नातक सदस्यों को संबोधित करेंगे।

वेबिनार में दुनिया में वर्तमान भूराजनीतिक स्थिति और कोरोनावायरस महामारी के बाद की दुनिया समेत कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी।

एकेके/एएनएम

Created On :   4 Nov 2020 11:01 AM GMT

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