विदेशियों की पहली पसंद भारत, अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया के लोग करा रहे ट्रीटमेंट
डिजिटल डेस्क । भारतीयों को लगता है कि किसी भी बीमारी का इलाज विदेशों में बेहतर तरीके से किया जाता है,लेकिन ये खबर पढ़कर आपको भारत के डॉक्टर्स पर गर्व होगा। मेडिकल फील्ड में भारत की ख्याति दुनिया में बढ़ती जा रही है। आपको बता दें कि किसी भी जटिल बीमारी के इलाज के लिए विदेशी भारत आ रहे हैं। डॉक्टर्स और मेडिकल सेवा के कारण भारत विदेशियों का पसंदीदा देश बन गया है। साल 2016 में 1,678 पाकिस्तानियों और 296 अमेरिकियों समेत दो लाख से ज्यादा विदेशी नागरिकों ने इलाज के लिए भारत का रुख किया है।
क्यों विदेशी मरीज का भारत को कर रहे पसंद?
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक साल 2016 में दुनिया के 54 देशों के करीब 2,01,099 लोगों को मेडिकल वीजा जारी किया गया था। साल 2016 में 2 लाख से अधिक विदेशी लोग (जिसमें पाकिस्तान के 1,678 और अमेरिका के 296 लोग) भारत में इलाज के लिए आए। भारत ने 2014 में अपनी वीजा नीति को उदार बनाया है। एक उद्योग मंडल के जरिए किए गए एक सर्वे में कहा गया है कि भारत के प्रमुख चिकित्सा स्थल के रूप में उभरने का प्राथमिक कारण विकसित देशों की तुलना में यहां काफी कम कीमत पर उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होना है। सर्वे में कहा गया है कि देश का चिकित्सा पर्यटन तीन अरब डॉलर का होने का अनुमान है, जो 2020 तक बढ़कर 7-8 अरब डॉलर का हो सकता है।
किस देश से कितने मरीज भारत आए?
आंकड़ों के मुताबिक, 2016 में सबसे ज्यादा चिकित्सा वीजा बांग्लादेशी नागरिकों (99,799) को जारी किए गए। इसके बाद अफगानिस्तान (33,955), इराक (13,465), ओमान (12,227), उज्बेकिस्तान (4,420), नाइजीरिया (4,359) समेत अन्य स्थान हैं। इसी के साथ 1,678 पाकिस्तानियों, 296 अमेरिकियों, ब्रिटेन के 370 नागरिकों, रूस के 96 नागरिकों और 75 ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को भी चिकित्सा वीजा जारी किए गए। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इनमें से कई वीजा तो ई-वीजा प्रणाली के तहत जारी किए गए। इसमें भारत पहुंचने से पहले यात्री आनलाइन यात्रा दस्तावेज प्राप्त कर लेते हैं। ये योजना 27 नवंबर 2014 को शुरू की गई थी।
Created On :   12 Feb 2018 11:07 AM IST