India-Iran के बीच 9 समझौतों पर दस्तखत, चाबहार पोर्ट पर रहा फोकस
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी तीन दिवसीय भारत दौरे पर हैं। भारत के साथ ईरान के रिश्ते बहुत अच्छे हैं। जब ईरान पर प्रतिबंध लगे थे, तब भी भारत ने उसका साथ दिया था। ऐसे में माना जा रहा था कि इस दौरे में कई अहम समझौतों पर मुहर लग सकती है और हुआ भी कुछ ऐसा ही। दोनों देशों के बीच दोहरे कर से बचने, वीजा नियम आसान करने और प्रत्यर्पण संधि समेत 9 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। बातचीत के बाद संयुक्त बयान में पीएम मोदी ने कहा कि चाबहार पोर्ट पर ईरान के सहयोग का शुक्रिया अदा करता हूं।
रवीश कुमार का ट्वीट
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘व्यापार एवं निवेश, ऊर्जा, संपर्क, रक्षा एवं सुरक्षा और क्षेत्रीय मुद्दों पर दोनों नेताओं ने ठोस एवं लाभकारी चर्चा की।’ रूहानी के साथ एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ईरानी राष्ट्रपति की यात्रा दिखाती है कि दोनों देश कैसे संपर्क सहित प्रमुख क्षेत्रों में अपने सहयोग को मजबूत बनाना चाहते हैं। अपनी विस्तृत वार्ता का ब्योरा देते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी और अन्य चुनौतियों से पैदा हुए खतरों पर चर्चा की।
Civilizational connect, contemporary context! PM @narendramodi welcomed President of Iran Dr. Rouhani to India. Both leaders held substantive productive discussion on cooperation in trade investment, energy, connectivity, defence security regional issues. #DustemanIran pic.twitter.com/LICDykC5F6
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) 17 February 2018
रूहाणी की तारीफ
रूहानी ने कहा, ‘हम आतंकवाद एवं चरमपंथ से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’ ईरानी नेता ने यह भी कहा कि कूटनीति एवं राजनीतिक पहलों के जरिए क्षेत्रीय संघर्ष सुलझाए जाने चाहिए। पीएम मोदी ने रणनीतिक तौर पर अहम चाबहार पोर्ट को विकसित करने में प्रदर्शित किए गए नेतृत्व के लिए रूहानी की तारीफ भी की। दोहरे कराधान समझौते के अलावा दोनों देशों ने प्रत्यर्पण संधि को अनुमोदित करने के दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया।
क्या है चाबहार प्रोजेक्ट?
चाबहार पोर्ट भारत की मदद से ईरान में बनाया जा रहा है। हाल ही में इसके पहले फेज का उद्घाटन किया गया है। भारत इस प्रॉजेक्ट में 50 करोड़ डॉलर का निवेश कर रहा है। वहीं, चीन ग्वादर बंदरगाह को चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर के हिस्से के रूप में विकसित कर रहा है, जिसे CPEC के नाम से भी जाना जाता है। भारत के लिए यह चाबहार पोर्ट इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे भारत के लिए वेस्ट एशिया से जुड़ने का सीधा रास्ता उपलब्ध कराएगा और इसमें पाकिस्तान का कोई दखल नहीं होगा। चाबहार के खुलने से भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच व्यापार को बड़ा सहारा मिलेगा। पिछले साल भारत ने अफगानिस्तान को गेहूं से भरा पहला जहाज इसी बंदरगाह के रास्ते भेजा था।
हैदराबाद से शुरू हुई रूहानी की यात्रा
गुरुवार को ईरानी प्रेसिडेंट हसन रूहानी हैदराबाद के बेगमपेट एयरपोर्ट पहुंचें और बाद में मुस्लिम इंटलेक्चुअल्स और धर्मगुरुओं को संबोधित किया। गुरुवार और शुक्रवार को रूहानी हैदराबाद में ही रहे और ये उनका निजी दौरा रहा, जबकि आधिकारिक मुलाकातों का दौर शनिवार से शुरू हुआ। रूहानी ने हैदराबाद की भव्य मक्का मस्जिद में जुमे की नमाज भी अदा की। भारत की किसी मस्जिद में नमाज अदा करने वाले रूहानी पहले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष हैं। शनिवार सुबह ही रूहानी ने पीएम मोदी और राष्ट्रपति कोविंद से भी मुलाकात की।
Created On :   17 Feb 2018 6:03 PM IST