भारत बन रहा "वेस्ट टू वेल्थ' का गढ़
- कहा- अध्यात्म देश की सबसे बड़ी ताकत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने कहा कि भारत विश्व की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के साथ वेस्ट टू वेल्थ का गढ़ बन रहा है। विश्व का आध्यात्मिक केंद्र भारत दुनिया के सामने यह उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है कि कैसे पर्यावरण को संरक्षित करते हुए शाश्वत विकास किया जा सकता है। आज भारत में ‘वेस्ट टू वेल्थ’ के जरिए कचरे से ऊर्जा, सड़कें और अनेक प्रकल्प तैयार किए जा रहे हैं। गडकरी ने कहा, अाध्यात्म भारत की सबसे बड़ी ताकत है और हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम की है और जो विश्व को एक परिवार की तरह देखती है। ऐसे में हमें ऐसे भविष्य का निर्माण करना है, जिसमें अर्थ और अाध्यात्म के बीच संतुलन हो और समाज के अंतिम छोर पर खड़ा व्यक्ति विकास की मुख्यधारा से जुड़ सके।
केंद्रीय मंत्री गडकरी मंगलवार को सी-20 बैठक के समापन सत्र में बोल रहे थे। होटल रेडिसन ब्लू में आयोजित सी-20 की बैठक में उन्होंने कहा कि भारत मूल्य, अर्थव्यवस्था, परिस्थिति और पर्यावरण के सूत्रों पर आगे बढ़ रहा है। हमें पता है कि अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर होगा, तब ही उद्योगों की स्थिति अच्छी होगी। उद्योग बेहतर होंगे तो रोजगार बढ़ेगा और गरीबी कम करने में मदद मिलेगी। हम ज्ञान को नवाचार के साथ जोड़ कर शाश्वत विकास की ओर बढ़ रहे हैं।
विमर्श और सहमति से निकलेेंगे समाधान
शू-शेरपा और भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव अभय ठाकुर ने कहा कि आज विश्व कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है। महामारी के बाद की परिस्थिति, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक मंदी और बढ़ता विदेशी कर्ज आज मुख्य समस्या है। ऐसी स्थिति के बावजूद हमारे सामने कई अवसर मौजूद हैं। हम चर्चा, विमर्श और सहमति के जरिए कई बड़ी समस्याओं का समाधान खोज सकते हैं। इसमें नागरिक संगठनों के प्रयास अहम स्थान रखते हैं। कार्यक्रम में कन्याकुमारी स्थित विवेकानंद केंद्र की उपाध्यक्ष निवेदिता भिडे ने भी विचार रखे। आभार रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के उपाध्यक्ष और सी-20 संरक्षक विनय सहस्त्रबुद्धे ने किया।
महिलाओं पर कम खर्च, संयुक्त राष्ट्र की अधिकारी ने जताई चिंता
संयुक्त राष्ट्र के यूएन वूमन' की मुख्य आर्थिक सशक्तिकरण अधिकारी मेग जोन्स ने सी-20 की बैठक में महिलाओं के विकास पर खर्च होने वाली राशि की कमी पर चिंता जताई। मेग जोन्स ने कहा कि अगर हम विविध दुनिया भर के देशों के बजट को देखें तो यह सामने आता है कि महिला विकास संबंधित मुद्दों पर पर्याप्त राशि खर्च नहीं की जाती। महिलाओं से संबंधित ऐसे अहम विषय हैं, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके लिए जरूरी है कि सरकारें अपने बजट को महिला केंद्रित बनाएं। जोन्स ने कहा इस परिषद के माध्यम से हमें अब यह संदेश देना जरूरी है कि अब वक्त केवल बात करने का नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर काम करने का है। महिला संबंधित नीतियों पर हमें मंथन और बातचीत को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में शेरपा विजय नांबियार ने समारोह की रिपोर्ट पेश की।
Created On :   22 March 2023 12:56 PM IST