पाक कर रहा राजनयिकों को परेशान, भारत ने की लिखित में शिकायत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को एक लिखित शिकायत की है जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तानी एजेंसियों का भारतीय नौसेना सलाहकार सहित इस्लामाबाद में भारतीय राजनयिकों को परेशान करने का सिलसिला जारी है। भारत ने पाकिस्तान से इस मामले की जांच करने का भी आग्रह किया है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है और ऐसे वक्त में ये घटना सामने आई है।
इससे पहले भी भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को एक नोट वर्बेल जारी किया था जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तानी एजेंसियां इस्लामाबाद में भारतीय राजनयिकों को फिर से परेशान कर रही हैं। भारत ने मार्च महीने के ऐसे वाकयों को सूचीबद्ध किया था और पाकिस्तान से इन मामलों की जांच करने को कहा था। राजनयिकों और अधिकारियों के उत्पीड़न के 15 से ज्यादा मामलों के बारे में औपचारिक रूप से ये शिकायत की गई थी। भारतीय राजनयिकों के उत्पीड़न की ये घटना 8 से 11 मार्च के बीच हुई थी, जिसमें न केवल उनका आक्रामक तरीके से पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों द्वारा पीछा किया गया था, बल्कि उन पर लगातार निगरानी रखी गई थी।
एक अधिकारी ने बताया था कि 8 मार्च को बैंक जाते समय सचिव का पाक सुरक्षा एजेंसियों द्वारा आक्रामक रूप से पीछा किया गया था। उसी दिन, भारतीय नौसैनिक सलाहकार का चांसलरी से उनके निवास स्थान पर जाते समय बाइक से पीछा किया गया। 9 मार्च को, भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर जहां-जहां भी गए वहां बाइक से पीछा किया गया था। इसके बाद भारतीय नौसेना सलाहकार का लगातार दूसरे दिन फिर से बाइक से पीछा किया गया। भारतीय राजनयिकों को परेशान करने का ये सिलसिली 10 मार्च को भी जारी रहा। इस दिन भी डिप्टी हाई कमिश्नर का पीछा किया गया।
इसके अलावा इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में पिछले कुछ दिनों से होक्स कॉल आ रहे हैं। पिछले नोट वर्बेल में भारत ने पाकिस्तान को याद दिलाया था कि ये घटनाएं वियना कंवेंशन का उल्लंघन है। भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक मिशनों का कामकाज वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस, 1961 और 1992 में दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित बायलेटरल कोड ऑफ कंडक्ट द्वारा नियंत्रित है।
भारत-पाकिस्तान 1992 कोड ऑफ कंडक्ट कहता है कि राजनयिक कर्मियों के परिसर की सुरक्षा और संरक्षा, उनके परिवारों का सम्मान और सुरक्षा की जाएगी। इसमें यह भी कहा गया है कि मौखिक-शारीरिक उत्पीड़न और आक्रामक निगरानी की अनुमति नहीं दी जाएगी।
Created On :   20 March 2019 7:55 PM IST