रूस से S-400 डील:भारत ने अमेरिका से किए ये वादे
- ट्रंप के निर्देश पर रूसी हथियार या ईरान से तेल खरीदने पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया है।
- अमेरिका नहीं चाहता था कि रूस और भारत के बीच डील हो।
- डिप्लोमैटिक-मिलिटरी कैंपेन कर भारत अमेरिका से डील में छूट की मांग करेगा।
- डील के बाद अब भारत की तैयारी अमेरिका को साधने की है।
- भारत ने ट्रंप प्रशासन को ऑपरेशनल गोपनीयता बनाए रखने का आश्वसन दिया।
- रूस और भारत के बीच S-400 एयर डिफेंस सिस्टम डील हुई।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय दौरे पर भारत आए थे। इस बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। जिसमें सबसे बहुचर्चित S-400 एयर डिफेंस सिस्टम डील समेत कुल 8 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। इसमें सबसे अहम रही S-400 डील। इस डील में भारत-रूस के साथ-साथ अमेरिका की भी नजरें गढ़ी हुईं थीं, क्योंकि वो इस डील को लेकर भारत में बैन करने की चेतावनी दे चुका है। अब इस डील पर भारत और रूस के राजीनामे के बाद अब भारत की तैयारी अमेरिका को साधने की है। डिप्लोमैटिक-मिलिटरी कैंपेन कर भारत अमेरिका से इस डील में छूट दिए जाने की मांग करेगा।
भारत ने अमेरिका से किए ये वादे
डील के बाद भारत ने कहा कि "ट्रंप प्रशासन को इस बात के लिए आश्वस्त किया है कि वो हथियार के सिस्टम की ऑपरेशनल गोपनीयता से कभी समझौता नहीं करेगा।" सूत्र ने बताया, "भारत ने अमेरिका से ये भी कहा है कि वो तकनीकी तौर पर मजबूती बनाए रखेगा और किसी भी देश की गोपनीय जानकारी किसी तीसरे देश को नहीं देगा। हम दो देशों के बीच हुए समझौतों के साथ इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट का सम्मान करते हैं।"
अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट मिलेगी, फिलहाल तय नहीं?
बता दें कि पुतिन के भारत दौरे से पहले सिक्यॉरिटी पर बनी कैबिनेट कमिटी के जरिए S-400 डील को लेकर भारतीय अधिकारियों ने 26 सितंबर तक कई बार अमेरिका का दौरा किया और उसे इस डील के लिए राजी करने का प्रयास भी किया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत से अमेरिका तक अपनी बात पहुंचाने में कामयाब रहा है। साथ ही भारत ने अमेरिका को ये भी बताया कि S-400 डील भारतीय सीमाओं की सुरक्षा के लिए कितनी जरूरी है, लेकिन फिलहाल ये तय नहीं है कि इस डील में भारत को अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट मिलेगी या नहीं। इस पर अंतिम फैसला राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ही लेंगे। गौरतलब है कि ट्रंप के निर्देश पर रूसी हथियार या ईरान से तेल खरीदने पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया है। वहीं पिछले महीने ही अमेरिका ने चीन पर रूस से S-400 और सुखोई-35 खरीदने पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे।
बताया जा रहा है कि S-400 सिस्टम एयरक्राफ्ट और रेडार जैसे प्लैटफॉर्म के डेटा रिकॉर्ड करने में सक्षम है। भारत-अमेरिका के F-35 को खरीदने में रुचि दिखा चुका है, लेकिन भारत अमेरिका के साथ पहले कई तरह के महत्वपूर्ण हथियार खरीदने की डील कर चुका है। इनमें से कुछ पर भारत और अमेरिका के 2+2 डायलॉग के दौरान मुहर लगी थी।
Created On :   7 Oct 2018 11:38 AM IST