भारत-नेपाल के सेना प्रमुखों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की

India-Nepal army chiefs discuss increasing bilateral defense cooperation
भारत-नेपाल के सेना प्रमुखों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की
भारत-नेपाल के सेना प्रमुखों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की
हाईलाइट
  • भारत-नेपाल के सेना प्रमुखों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की

काठमांडू, 5 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने गुरुवार को अपने नेपाली समकक्ष जनरल पूर्णचंद्र थापा के साथ बैठक की और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।

जनरल नरवणे ने काठमांडू में आर्मी पैवेलियन में वीर स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और फिर नेपाली सेना मुख्यालय का दौरा किया। इस मौके पर उन्हें एक औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उन्हें सम्मानित किया गया। मुख्यालय में उन्होंने जनरल थापा के साथ बैठक की।

साथ ही गुरुवार को नरवणे ने नेपाल सेना को विभिन्न चिकित्सा उपकरण सौंपे, जिसमें एक्स-रे मशीन, कंप्यूटेड रेडियोग्राफी सिस्टम, आईसीयू वेंटिलेटर, वीडियो एंडोस्कोपी यूनिट, एनेस्थीसिया मशीन, प्रयोगशाला उपकरण और एम्बुलेंस शामिल थे। इसके अलावा कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में नेपाली सेना की सहायता के लिए अतिरिक्त वेंटिलेटर भी भेंट किए।

नरवणे को नेपाल की सेना के जनरल रैंक की मानद उपाधि भी दी जाएगी जो कि राष्ट्रपति बिध्या देवी भंडारी द्वारा उन्हें राष्ट्रपति कार्यालय में एक समारोह के दौरान देंगी। नेपाल और भारत में 1950 से एक-दूसरे के सेना प्रमुखों को मानद उपाधि देने की ऐतिहासिक परंपरा रही है। नरवणे इस उपाधि से सम्मानित होने वाले 18वें भारतीय सेना प्रमुख होंगे।

जनरल नरवणे राष्ट्रपति के साथ बातचीत भी करेंगे। जनरल नरवणे जनरल थापा के निमंत्रण पर 3 दिन की आधिकारिक यात्रा पर काठमांडू पहुंचे हैं।

चीन की तरफ से नेपाल पर प्रभाव बढ़ाए जाने के बाद हाल के दिनों में भारत-नेपाल के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। भारत द्वारा कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों का समय कम करने के लिए 17,000 फीट की ऊंचाई पर लिपुलेख क्षेत्र में सड़क का निर्माण किया गया था, जिसे काठमांडू ने अपना क्षेत्र बताया। इतना ही नहीं, इसके लिए नेपाल ने नया राजनीतिक मानचित्र भी पेश किया।

भारत ने नेपाल के इस नए नक्शे को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह ऐतिहासिक तथ्यों या सबूतों पर आधारित नहीं है।

एसडीजे/एसजीके

Created On :   5 Nov 2020 11:01 AM GMT

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