भारत की इजरायल से स्पाइक मिसाइल खरीदने की योजना, जल्द हो सकती है डील साइन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत अपनी एंटी-टैंक कैपेबिलिटी को बढ़ाने के लिए इजरायल से स्पाइक मिसाइल खरीदने पर विचार कर रहा है। यह मिसाइल पाकिस्तान के खिलाफ सेना की ऐंटी-टैंक कैपेबिलिटी बढ़ाने में मदद करेगी। दरअसल आर्मी तीन साल के उस गैप को भरना चाहती है जब तक डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) स्वदेशी एंटी-टैंक मिसाइल तैयार नहीं कर लेता।
भारत की हां का इंतजार
जानकारी के मुताबिक इस खरीदारी का प्रस्ताव अपनी एडवांस्ड स्टेज पर है। इस प्रस्ताव के लिए भारत सरकार की हां का इंतजार है। अगर इस प्रपोजल को मंजूरी मिल जाती है तो फिर आर्मी की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए इसी साल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल को खरीदने का ऑर्डर दिया जा सकता है। स्पाइक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल इजरायल की फर्म राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम लिमिटेड ने निर्मित की है। राफेल के एक प्रवक्ता ने कहा, भारत के साथ स्पाइक मिसाइल की डील पर अभी चर्चा की जा रही है। हालांकि उन्होंने इस डील पर ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा जब तक आधिकारिक तौर पर डील साइन नहीं हो जाती तब तक वह इस डील को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते।
भारत ने की थी डील कैंसिल
इससे पहले जनवरी 2018 में भारत ने लंबी चर्चा और विचार के बाद करीब 3,358 करोड़ रुपये की स्पाइक मिसाइल डील को कैंसिल करने का फैसला लिया था। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की नई दिल्ली यात्रा से ठीक पहले ये फैसला लिया गया था। बाद में नेतन्याहू ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के दौरान इस मुद्दे को उठाया था। जिसके बाद एक प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, बेंजामिन ने कहा था कि ये सौदा अब वापस ट्रैक पर है।
2021 तक बड़ी संख्या में मिसाइल प्रोडक्शन
मालूम को कि सरकार ने इस डील को उस वक्त रद्द किया था जब डीआरडीओ ने सेना की जरुरत को ध्यान में रखते हुए 8000 एंटी टैंक मिसाइल बनाने के प्लान का ऐलान किया था। डीआरडीओ के 2018 के अंत तक सैन्य परीक्षणों के लिए स्वदेशी विकसित एंटी-टैंक मिसाइल देने की संभावना है। टेस्ट सफल होने के बाद 2021 तक डीआरडीओ बड़ी संख्या में इसका प्रोडक्शन शुरू कर देगा।
Created On :   1 Jun 2018 7:09 PM IST