हिन्दू राष्ट्र होना चाहिए भारत, मोदी सरकार इस्लामिक देश होने से बचाए- जस्टिस एस.आर सेन
- भारत को इस्लामिक स्टेट बनने से रोकने के लिए बनाएं सख्त कानून
- मोदी सरकार से हाई कोर्ट जज की अपील
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोदी सरकार से मेघालय हाई कोर्ट के जज ने देश को इस्लामिक राष्ट्र होने से बचाए जाने की अपील की है।न्यायमूर्ति जस्टिस एस.आर सेन ने कहा, मोदी सरकार को ऐसा कानून बनाने की जरूरत है। जिससे पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों में रहने वाले गैर-मुस्लिम समुदाय और समूह को भारत में आकर बसने की इजाजत हो। जस्टिस एस.आर सेन ने कहा, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि कोई भारत को इस्लामिक देश बनाने की कोशिश न करे। अगर यह इस्लामिक देश हो गया तो, भारत और दुनिया में कयामत आ जाएगी। मोदी सरकार को इसके लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। हालांकि कानूनविदों के समुदाय में न्यायमूर्ति सेन के इस कमेंट पर हलचल मच गई है। जज आमतौर पर केस से अलग हटकर जनहित में कमेंट करते रहते हैं, लेकिन वे आमतौर बाध्यकारी नहीं मानकर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं।
India should have been declared a Hindu country, Meghalaya High Court [Read Full Judgment]https://t.co/3gVVemwGtv
— Bar Bench (@barandbench) December 12, 2018
जस्टिस एस.आर सेन ने कहा, मुझे पूरा भरोसा है कि मोदी सरकार मामले की गंभीरता को समझेगी और जरूरी कदम उठाएगी और हमारी मुख्यमंत्री ममताजी राष्ट्रहित में हर तरह से उसका समर्थन करेंगी। न्यायमूर्ति सेन ने सरकार से अनुरोध किया कि वह भारत में कहीं से भी आकर बसे हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, इसाई, खासी, जयंतिया और गारो समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिक घोषित करे। जस्टिस एस.आर सेन ने एक मामले की सुनवाई के दौरान ये बात कही, जिनका केस से कोई लेना-देना नहीं था। जज ने कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र होना चाहिए और उन्होंने पीएम मोदी और ममता बनर्जी से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि देश कहीं इस्लामिक न हो जाए। बता दें कि उच्च न्यायालय के न्यायमूर्तियों के लिए बनी आचार संहिता में राजनीतिक बयानों की इजाजत नहीं है। न्यायमूर्ति सेन ने कहा, भारत के कानून और संविधान का विरोध करने वाले किसी शख्स को भारत का नागरिक नहीं माना जा सकता। हमें नहीं भूलना चाहिए कि पहले हम भारतीय हैं और फिर अच्छे इंसान। जिस समुदाय से हम ताल्लुक रखते हैं, वह उसके बाद आता है।
मैं मुसलमानों के खिलाफ नहीं हूं
अपने बयान में जस्टिस एस.आर सेन ने कहा कि भविष्य में इन समुदाय के जो भी लोग भारत आएं, उन्हें भी भारतीय नागरिक माना जाए। मैं भारत में बसे शांतिप्रिय मुसलमानों के खिलाफ नहीं हैं। मैं अपने उन मुसलमान भाइयों और बहनों के खिलाफ नहीं हूं, जो भारत में कई पीढ़ियों से रह रहे हैं और यहां के कानून का पालन करते हैं। उन्हें यहां शांति से रहने दिया जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने सरकार से इसे सुनिश्चित करने के लिए सभी भारतीय नागरिकों की खातिर एकसमान कानून बनाने का अनुरोध किया, ताकि उन पर देश के कानून और संविधान का पालन करने की पाबंदी हो।
Created On :   13 Dec 2018 8:39 AM IST