संविधान दिवस पर बोले राष्ट्रपति कोविंद- लोगों को न्याय मिलना जरूरी
- चीफ जस्टिस और कानून मंत्री भी रहे मौजूद
- दिल्ली में संविधान दिवस पर हुआ कार्यक्रम का आयोजन
- मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है संविधान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संविधान दिवस पर दिल्ली में आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि लोकतंत्र में न्याय मिलना जरूरी है, इसलिए न्यायपालिका में किसी भी मामले की सुनवाई स्थगित नहीं होनी चाहिए। इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (सीजेआई) रंजन गोगोई और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद थे।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि 1949 में भी अवसर की समानता जरूरी थी और आज भी उसकी उतनी ही आवश्यक्ता है। उन्होंने कहा कि सदन में काम होना भी जरूरी है, लेकिन संसद में गतिरोध नहीं होना चाहिए, ये हमारा संवैधानिक दायित्व है। राष्ट्रपति ने कहा कि आधार से कई सेवाएं लोगों तक पहुंची हैं, भ्रष्टाचार रोकने में भी मदद मिली है, लेकिन लोगों की निजता का खयाल रखना भी जरूरी है।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि संविधान के सुझावों पर ध्यान देना हमारे हित में है। ऐसा न होने पर तेजी से अराजकता बढ़ेगी। संविधान दिवस पर सीजेआई ने कहा कि संविधान हाशिए पर पड़े लोगों के साथ बहुमत के विवेक की आवाज भी है। संकट और अनिश्चितत के समय ये मार्गदर्शक की भूमिका भी निभाता है।
उन्होंने कहा कि संविधान की बातों पर ध्यान न देने से हमारा घमंड तेजी से अव्यवस्था में बदल जाएगा। संविधान भारत की जनात का अभिन्न अंग बन गया है। लोगों को देखना चाहिए कि अदालतें किस तरह विभिन्न मुद्दों पर सुनवाई करती हैं।
We need to trust India"s democracy because they have this confidence we can unseat any political leader or political party howsoever popular, howsoever powerful in Delhi or in states: Union Minister Ravi Shankar Prasad in Delhi on #ConstitutionDay pic.twitter.com/2OZ4OM2yk7
— ANI (@ANI) November 26, 2018
Created On :   26 Nov 2018 3:34 PM IST