26/11 अटैक : आरोपी हेडली को लाया जा सकता है भारत, NIA दिसंबर में गई थी अमेरिका
- 26/11 हमले के मुख्य आरोपी डेविड हेडली को भारत लाने की तैयारी की जा रही है।
- नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की टीम दिसंबर में अमेरिका गई थी।
- बुधवार को केंद्र सरकार ने लोकसभा में इसकी जानकारी दी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुंबई में हुए 26/11 हमले के मुख्य आरोपी डेविड हेडली को भारत लाने की तैयारी की जा रही है। बुधवार को केंद्र सरकार ने लोकसभा में इसकी जानकारी दी। विदेश राज्यमंत्री विके सिंह ने कहा कि सरकार अमेरिका से इस मामले पर बातचीत कर रही है। उन्होंने बताया कि नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की टीम दिसंबर में अमेरिका भी गई थी। इस दौरान NIA ने यूएस अधिकारियों से हेडली को भारत लाने संबंधित बातचीत की।
विके सिंह ने कहा, "हेडली के प्रत्यार्पण के लिए यूएस के एजेंसियों से बातचीत चल रही है। हम इंडो-यूएस ट्रीटी 1997 के तहत यह कोशिश कर रहे हैं। इस ट्रीटी के अनुसार भारत यूएस से किसी भी आरोपी के प्रत्यार्पण की मांग कर सकता है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की टीम इसके लिए पिछले साल 13 दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच यूएस भी गई थी।"
सिंह ने कहा, "यूएस ने हमें विश्वास दिलाया है कि वह हमारे साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्ध है। पिछले साल सितंबर में हुए इंडिया-यूएस 2+2 डायलॉग के वक्त यूएस ने कहा था कि वह मुंबई, पठानकोट, उरी और बॉर्डर पर हो रहे हमले पर पाकिस्तान से बात करेगा और हमले के दोषियों को सजा जरूर मिलेगा।"
बता दें कि डेविड कोलमैन हेडली का असली नाम दाऊद सैयद गिलानी है। वह लश्कर का अंडरकवर एजेंट था। हेडली ने 2006 में अपना नाम दाउद गिलानी से बदलकर डेविड हेडली रख लिया था ताकि वह भारत में प्रवेश कर सके। उसका जन्म वॉशिंगटन में हुआ, उसके पिता सैयद सलीम गिलानी एक जाने माने पाकिस्तान डिप्लोमेट और ब्रॉडकास्टर थे।हेडली लश्कर-ए-तैयबा के अंडरकवर एजेंट के तौर पर काम करता था। उसने मुंबई हमले के लिए विस्तार से जानकारियां जुटाईं और पाकिस्तान में लश्कर के ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लिया।
ऐसा बताया जाता है कि उसने वर्ष 2006 और 2008 के बीच कई बार भारत की यात्रा की, नक्शे खींचे, वीडियो फुटेज ली और हमले के लिए ताज होटल, ओबरॉय होटल और नरीमन हाउस समेत विभिन्न ठिकानों की जासूसी की। इस जानकारी को उसने अपने आंकाओं तक पहुंचाई। आतंकवादी हमलों में शामिल होने के मामले में हेडली को अमेरिका में 35 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है।
Created On :   2 Jan 2019 8:47 PM IST