PNB SCAM: क्या नीरव मोदी को भारत वापस लाना इतना आसान है?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चोर को सिर्फ चोरी करते हुए पकड़ा जा सकता है.. ना उसके पहले.. ना उसके बाद। धूम-2 फिल्म का ये डायलोग घोटालेबाज नीरव मोदी और मेहुल चौकसी पर फिट बैठता है। पीएनबी घोटाले को अंजाम देने के बाद ये दोनों विदेश फरार हो गए और जांच एजेंसियां हाथ मलते रह गई। स्कैम को अंजाम देने का तरीका भी बिल्कुल नया था। अब जब ये स्कैम सामने आ चुका है तो नीरव मोदी को पकड़ने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे है। खबर मिली है कि नीरव मोदी दुबई में है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या नीरव मोदी को गिरफ्तार किया जा सकेगा? आशंका इसलिए है क्योंकि 9 हजार करोड़ का घोटाला कर फरार हुए शराब कारोबारी विजय माल्या को अब तक पकड़ा नहीं जा सका है।
नीरव की कैसे होगी गिरफ्तारी
ललित मोदी और विजय माल्या के बाद नीरव मोदी एक और ऐसा नाम है उस सूची में जुड़ गया है जो भारत में आर्थिक अपराध कर दूसरे देश में जाकर बस गया है। वहीं अब नीरव की गिरफ्तारी को लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं कि कैसे नीरव की गिरफ्तारी हो पाएगी। और क्या कुछ इसके आड़े आ सकता है। वहीं अगर देखा जाए तो भारत की 47 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि है। इसके तहत अगर कोई व्यक्ति भारत में अपराध करके भाग जाता है तो भारत उसके प्रत्यर्पण की गुजारिश उस देश से कर सकता है जहां उसने शरण ली है। लेकिन प्रत्यर्पण की भी कुछ शर्तें होती हैं जिसका दोनों ही देशों को पालन करना पड़ता है। मसलन जिस कृत्य के लिए व्यक्ति को प्रत्यर्पित किया जाना है वो दोनों ही देशों में दंडनीय अपराध हो। साथ ही कम से कम इस कृत्य के लिए एक साल तक की सजा का प्रावधान हो।
नीरव को पता थे स्विफ्ट प्रोसेस के कोड
इस बीच एक-एक कर जब घोटाले की परते खुल रही है तो खुलासे सब को हैरत में डाल रहे है। सोमवार को भी एक एसा ही खुलासा हुआ जिसने बता दिया की इंडियन बैंकिंग सिस्टम में सेंध लगाना कितना आसान है। जानकारी के मुताबिक ब्रांच के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी के साथ-साथ स्विफ्ट प्रोसेस के पासवर्ड कुछ अफसरों और नीरव मोदी को भी पता थे। जिसके जरिए नीरव अपने आप ही लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी कर लेता था। यहां ये जानना जरूरी है कि दुनियाभर के बैंक स्विफ्ट सिस्टम के जरिए आपस में जुड़े होते हैं, इसी के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैंकों में लेन देन होता है। नीरव मोदी को विदेश में लोन का अप्रूवल भी स्विफ्ट सिस्टम के जरिए ही दिया जाता था। यानी एलओयू के लिये स्विफ्ट सिस्टम के पासवर्ड के जरिये नीरव मोदी की टीम के लोग पीएनबी अधिकारी के तौर पर अवैध तरीके से स्विफ्ट सिस्टम में लॉग इन करते थे । सूत्रों की मानें तो आरोपियों को बदले में कमीशन मिलता था। हर एलओयू और स्विफ्ट सिस्टम के अवैध एक्सेस पर प्रतिशत तय था। यह रकम घोटाले में शामिल कर्मचारियों के बीच बंटती थी। सीबीआई गोकुलनाथ को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और पूछताछ कर रही है। पूछताछ में शेट्टी ने अपने साथ कुछ और बैंक अधिकारियों के इस महाघोटाले में शामिल होने की बात कुबूल की है।
जांच एजेंसियों की ताबड़तोड़ छापेमारी
इधर ED भारत में मोजूद नीरव मोदी के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रहा है। दावा किया जा रहा है कि अब तक हजारों करोड़ की संपत्ति को जब्त कर लिया गया है। ऐसे में सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या जब्त की गई संपत्ति से हजारों करोड़ के घाटाले की रकम को वापस हासिल किया जा सकेगा? या फिर ये महज एक दिखावा भर है। क्या विजय माल्या की तरह नीरव मोदी भी विदेश जाकर बस जाएगा? क्या नीरव मोदी को विदेश से वापस लाना संभव हो पाएगा? ये वो सारे सवाल है जिनका जवाब ना तो सरकार दे रही है ना ही विपक्ष और ना ही बैंक।
Created On :   19 Feb 2018 10:36 PM IST