'सभी बैंक फ्रॉड ज्वेलरी सेक्टर से जुड़े हुए हैं और सभी गुजरात से हैं, किसी ने तो मदद की है'
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। पंजाब नेशनल बैंक में हुए घोटाले का कांग्रेस लीडर पी चिदंबरम ने गुजरात कनेक्शन निकाला है। बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान पी चिदंबरम ने कहा, इस घोटाले में जो भी बड़े नाम शामिल हैं वो सभी एक राज्य गुजरात से आते हैं। इन आरोपियों की जरूर किसी ने घोटाले में सहायता की होगी। हालांकि उन्होंने साफ किया कि, मदद किसने और कैसे की, इसके सबूत उनके पास नहीं हैं। बता दें कि पंजाब नेशनल बैंक में 12,600 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। जिसके आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी है।
पी चिंदबरम ने कहा , "हमें कठिन सवाल पूछने शुरू करने चाहिए। जब तक ज्यादा से ज्यादा लोग इस मौजूदा सरकार से सवाल नहीं पूछेंगे तब ये सरकार यूं ही लोगों को नजरअंदाज करती रहेगी। चिदंबरम ने कहा, "यह सब सिर्फ एक क्षेत्र यानि ज्वेलरी में हो रहा है। इसमें फंसे सभी आरोपी एक ही राज्य गुजरात से आते हैं। यह सभी सेक्टर और राज्यों में नहीं हो रहा है। स्पष्ट है कि इन लोगों को मदद पहुंचाई गई है। मेरे पास सबूत नहीं है कि किसने और कैसे मदद की।"
चिदंबरम ने कहा, "वे जानते हैं कि देश में रोजगार का भारी अभाव है। वे पकौड़ा बेचने को रोजगार मानते हैं। यह घाव पर नमक छिड़कने जैसा है।" गुजरात में लोगों ने इनसे कठिन सवाल पूछे थे। मुझ लगता है लोगों के पास अब सवाल पूछने का अगला मौका कर्नाटक में आने वाला है।" बता दें कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान कहा था कि पकड़ा बेचना भी रोजगार है। इसके बाद इस मुद्दे को लेकर जमकर सियासत हुई थी।
वहीं उन्होंने यूपीए सरकार के दौरान हुए 2जी घोटाले पर सफाई पेश करते हुए कहा, "टेलीकॉम सेक्टर (2जी) पर कैग (नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक) की रिपोर्ट पूरी तरह से अतिशयोक्ति (बढ़ा चढ़ा कर दिखाने जैसा) थी। मुझे लगता है कि कारोबार की समस्या को कारोबारी समस्या के तौर पर समाधान करने में विफल हुए थे।" चिदंबरम ने कहा, "कुछ राजनीतिक पार्टियों के लिए इसे राजनीतिक मोड़ देना आसान था और पूरा देश अब इसकी कीमत चुका रहा है।"
क्या है PNB घोटाला?
देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक कहे जाने वाले पंजाब नेशनल बैंक में पिछले दिनों 12,600 करोड़ रुपए के घोटाले होने का खुलासा हुआ था। ये घोटाला बैंक की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में हुआ। इस घोटाले की शुरुआत 2011 में हुई थी और पिछले 7 सालों में हजारों करोड़ रुपए फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिए गए। दरअसल, डायमंड करोबारी नीरव मोदी और उनके साथियों ने साल 2011 में डायमंड इंपोर्ट करने के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट के लिए पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच से कॉन्टेक्ट किया। आमतौर पर बैंक विदेशों से होने वाले इंपोर्ट के लिए LOU जारी करता है। इसका मतलब ये है कि बैंक नीरव मोदी के विदेश में मौजूद सप्लायर्स को 90 दिन के लिए भुगतान करने को राजी हुआ और बाद में पैसा नीरव को चुकाना था। लेकिन बैंक की मिलीभगत से पुराने लोन को चुकाने के लिए नीरव मोदी को नया लोन मिलता गया और ये घोटाला 12000 करोड़ से ज्यादा का हो गया।
Created On :   11 March 2018 10:58 PM IST