शीला दीक्षित की ताजपोशी कार्यक्रम में टाइटलर के पहुंचने से बवाल, विपक्षी पार्टियों ने घेरा
- टाइटलर पर 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे को भड़काने का आरोप लगा था।
- दीक्षित के ताजपोशी के कार्यक्रम में जगदीश टाइटलर के पहुंचने से विवाद पैदा हो गया।
- शीला दीक्षित को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंद्रह सालों तक दिल्ली की सत्ता पर काबिज रहीं पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर से नई जिम्मेदारी दी है। शीला दीक्षित को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। हालांकि उनके ताजपोशी के कार्यक्रम में जगदीश टाइटलर के पहुंचने से विवाद पैदा हो गया। टाइटलर पर 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे को भड़काने का आरोप लगा था। शीला दीक्षित के कार्यक्रम में वह सबसे आगे वाली पंक्ति में बैठे थे। इसके बाद विपक्षी पार्टियों ने कांग्रेस पर सिख विरोधी दंगों के आरोपीयों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि दिल्ली कांग्रेस में जान फूंकने के लिए 80 साल की शीला दीक्षित को अध्यक्ष बनाया गया है।
टाइटलर के कार्यक्रम में मौजूद रहने के बाद केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने कहा, "टाइटलर इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी और राहुल गांधी तक सबके राइट हैंड रहे हैं। राहुल गांधी निर्दोष लोगों को मारने के लिए कांग्रेस पार्टी के स्पॉन्सरशिप करने की लीगेसी को आगे ले जा रहे हैं। वह भी वही कर रहे हैं जो उनके परिजनों ने किया था। उन्होंने दिखा दिया है कि सिख लोगों की भावना के लिए उनके मन में कोई आदर नहीं है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही कोर्ट से टाइटलर को भी सजा मिलेगी।"
वहीं शिरोमणी अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि कांग्रेस डर गई है। सिरसा ने कहा कि "कांग्रेस को पता है कि टाइटलर और कमलनाथ को सजा मिलकर रहेगी। वहीं कांग्रेस दंगों के गवाहों को यह भी संदेश दे रही है कि वह टाइटलर को सपोर्ट करते हैं।" इसके अलावा कांग्रेस पर बार-बार सिखों के जख्मों पर नमक छिड़कने का भी आरोप लगा है।
जगदीश टाइटलर पर क्या है विवाद
बता दें कि 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगे भड़के थे। जगदीश टाइटलर को 1984 में हुए भीषण सिख विरोधी दंगों का मुख्य गुनहगार माना जाता है। इन दंगों में देश भर में लगभग 3,500 सिखों का कत्लेआम कर दिया गया था। अकेले दिल्ली में लगभग 2,700 निर्दोष सिखों को मौत के घाट उतार दिया गया था। टाइटलर पर आरोप है की सज्जन सिंह के साथ मिलकर दिल्ली कैंट के राजनगर में सिखों को मारने और जिंदा जलाने के लिए भिड़ को उकसा रहे थे। हालांकि 2007 में CBI ने सबूतों के अभाव में जगदीश टाइटलर को बरी कर दिया था। दंगे के अन्य आरोपी सज्जन सिंह को दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल उम्र-कैद की सज्जा सुनाई थी। जगदीश टाइटलर 2004 में मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके है, हालांकि सिख विरोधी दंगों में आरोपी होने के वजह से उनको इस्तीफा देना पड़ा था।
Created On :   16 Jan 2019 8:23 PM IST