जिंदल स्कूल ने शुरू किया वित्त और उद्यमिता में बीए (ऑनर्स) कोर्स
- जिंदल स्कूल ने शुरू किया वित्त और उद्यमिता में बीए (ऑनर्स) कोर्स
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के जिंदल स्कूल ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस ने एक अद्वितीय उद्योग-संबंधित स्नातक प्रोग्राम शुरू किया है। संस्थान से छात्र अब वित्त एवं उद्यमिता विषय में बीए (ऑनर्स) कर सकेंगे।
यह देश में अपनी तरह का ऐसा पहला कार्यक्रम है, जो छात्रों को बेहतरीन सैद्धांतिक समझ के साथ ही वित्त मामलों में प्रैक्टिकल अध्ययन के साथ उनमें उद्यमशीलता की भावना पैदा करता है।
कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय उद्यमियों की एक नई पीढ़ी को प्रशिक्षित करना है, जिनकी पहचान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से ग्रोथ एंबेसडर के रूप में की गई है।
कार्यक्रम छात्रों को एक नए उद्यम को इन्क्यूबेट करने की प्रक्रिया से परिचित करने में सक्षम करेगा। यह वित्त और वित्तीय सेवा उद्योग में काम करने वाले मौजूदा उद्यमों में रचनात्मक योगदान भी प्रदान करेगा। इसके साथ ही यह नए और मौजूदा व्यवसायों को वित्तीय रूप से स्थायी और स्केलेबल बनाने के लिए आवश्यक वित्त के साधनों में भी मदद करेगा।
इंडिगो के बोर्ड के अध्यक्ष एम. दामोदरन ने 16 अक्टूबर को वर्चुअल लॉन्च कार्यक्रम के दौरान भारत में वित्त और उद्यमिता का भविष्य विषय पर मुख्य संबोधन दिया। दामोदरन इससे पहले भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (आईडीबीआई) के भी अध्यक्ष रह चुके हैं।
इसके अलावा ऑनलाइन लॉन्च कार्यक्रम में पेटीएम की वरिष्ठ उपाध्यक्ष रेणु सत्ती ने भी एक विशेष संबोधन दिया। उन्होंने भारत में उद्यमियों को कैसे डिजिटल भुगतान का लाभ हो सकता है विषय पर अपने विचार रखे।
ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) के संस्थापक कुलपति सी. राज कुमार ने कहा, यह नया कार्यक्रम जेजीयू में हमारे निरंतर प्रयासों का एक हिस्सा है, जो वास्तविक स्तर पर उद्यमिता के लिए वित्त के अध्ययन को लागू करने के लिए विभिन्न स्तरों पर युवाओं के लिए अवसर पैदा करता है। यह उद्यमशीलता वित्त के अध्ययन की शैक्षणिक और बौद्धिक कल्पना-शक्ति में कहीं अधिक ध्यान केंद्रित करता है। हम मानते हैं कि इन दोनों क्षेत्रों के लिए उभर रहे मुद्दे कोविड के बाद वाली दुनिया में शिक्षा और उद्योग के लिए बहुत महत्व रखते हैं।
जिंदल स्कूल ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस के डीन आशीष भारद्वाज ने कहा, वित्त और उद्यमिता में बीए ऑनर्स प्रोग्राम जेएसबीएफ इंटरनेशनल एडवाइजरी बोर्ड से प्राप्त इनपुट के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें देश के कुछ सबसे वरिष्ठ बैंकर और भारत एवं दुनियाभर के प्रतिष्ठित उद्योग के पेशेवर और शिक्षाविद शामिल हैं। यह कार्यक्रम उन युवा छात्रों की जरूरतों और आकांक्षाओं को पूरा करेगा, जो समाज में योगदान करने के लिए उद्यमशीलता के तरीकों के बारे में सोचते हुए वित्त मामलों का अध्ययन करना चाहते हैं।
सेबी के पूर्व अध्यक्ष दामोदरन ने अपने संबोधन में कहा, उद्यमी नौकरी तलाशने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले होते हैं। भारत में हमें बड़ी संख्या में ऐसे पेशेवरों की जरूरत है, जिनमें जोखिम लेने वाली भूख और कल्पना एवं नवाचार करने के लिए एक चिंगारी हो। यदि हम ऐसा कर सकें, जब एक स्नातक स्तर पर युवा सपने देखना शुरू करते हैं, तो इससे बेहतर तो कुछ हो ही नहीं सकता।
पेटीएम की वरिष्ठ उपाध्यक्ष रेणु सत्ती ने अपने संबोधन में कहा, 2025 तक हम 75 करोड़ भारतीयों की ओर से डिजिटल रूप से भुगतान करने की उम्मीद कर रहे हैं। डिजिटल स्वीकृति के लिए सरकार के जोर देने के साथ, पेटीएम भारत में डिजिटल भुगतान और वित्तीय सेवाओं को अपना रहा है। नए बीए फाइनेंस एंड एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम को शुरू करने के लिए यह सही समय है। इसके साथ ही छात्रों और इच्छुक उद्यमियों के लिए सबसे अच्छा समय यह जानने के लिए है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म का लाभ कैसे उठाया जाए।
जेजीयू ने पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय (अमेरिका) के प्रतिष्ठित व्हार्टन स्कूल के साथ व्यापार, वित्त और कल के लीडर्स के लिए उद्यमशीलता विषय पर एक अल्पकालिक अध्ययन के लिए साझेदारी की है। इससे वित्त और उद्यमिता में बीए के छात्रों के पास व्हार्टन स्कूल जाकर अध्ययन करने का अवसर होगा।
इन छात्रों को बार्सिलोना, लंदन, तेल अवीव और सिडनी में इसी तरह के कार्यक्रमों से लाभ प्राप्त हो सकेगा। इस कार्यक्रम के छात्रों के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, चीन, तुर्की, न्यूजीलैंड, बुल्गारिया और इजरायल सहित कई देशों में अंतर्राष्ट्रीय सेमेस्टर एक्सचेंज के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
अगर देखा जाए तो भारत में एक मजबूत स्टार्टअप कल्चर है, एक स्नातक स्तर पर स्टार्टअप शुरू करने, इसे पोषित करने और बनाए रखने की प्रक्रिया और तरीकों पर बहुत कम जोर दिया गया है। भारत में स्टार्टअप के असफल होने के कुछ प्रमुख कारण पूंजी जुटाने में असमर्थता, राजस्व वृद्धि का प्रबंधन, वित्तीय कुप्रबंधन और उस कानूनी और नियामक मामलों की समझ की कमी है, जिसमें वे काम करते हैं। वित्त और उद्यमिता में बीए ऑनर्स शैक्षिक अंतराल को संतुलित करने और समय पर और संरचित तरीके से उद्यमियों में आत्मविश्वास विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
एकेके/एसजीके
Created On :   20 Oct 2020 4:31 PM IST