कागजों में चल रहा जियो इंस्टीट्यूट, मोदी सरकार ने दे दिया उत्कृष्ट का खिताब

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कागजों में चल रहा जियो इंस्टीट्यूट, मोदी सरकार ने दे दिया उत्कृष्ट का खिताब
कागजों में चल रहा जियो इंस्टीट्यूट, मोदी सरकार ने दे दिया उत्कृष्ट का खिताब
हाईलाइट
  • कांग्रेस ने रिलायंस फाउंडेशन के जियो इंस्टीट्यूट पर जताई अपत्ति
  • जियो इंस्टीट्यूट को मोदी सरकार ने दिया उत्कृष्ट का खिताब
  • मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 6 संस्थानों के नाम की घोषणा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सोमवार को उत्कृष्ट संस्थान (इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस) का दर्जा देने के लिए 6 शिक्षण संस्थानों के नामों की घोषणा की है। इन संस्थानों में 3 सरकारी और 3 निजी संस्थान शामिल हैं। मगर इनमें एक चौंकाने वाली खबर यह है कि इन 3 निजी संस्थानों में एक ऐसे संस्थान का नाम भी शामिल है, जो अभी तक खुला ही नहीं है। इस संस्थान का नाम जियो इंस्टीट्यूट है।

सभी 6 संस्थानों के नाम की घोषणा मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की है। इन उत्कृष्ट संस्थानों में आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बॉम्बे और आईआईएससी बेंगलुरु के साथ निजी क्षेत्र से मनिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, बिट्स पिलानी और जियो इंस्टीट्यूट शामिल हैं। खास बात ये है कि इस जियो इंस्टीट्यूट का नाम पहले कभी नहीं सुना गया और न ही इंटरनेट पर इसका कोई अस्तित्व नजर आता है। फिर भी इस इंस्टीट्यूट का सेलेक्शन होना कहीं ना कहीं बड़े सवाल खड़े करता है। कांग्रेस को रिलायंस फाउंडेशन के जियो इंस्टीट्यूट पर आपत्ति है> पार्टी सवाल पूछ रही है कि जियो इंस्टीट्यूट अब तक बना ही नहीं है तो सरकार कैसे उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा दे सकती है?

 



बता दें कि जियो इंस्टीट्यूट रिलायंस का एक संस्थान है, लेकिन अभी तक इस संस्थान ने काम करना शुरू नहीं किया है। इंटरनेट के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी जियो इंस्टीट्यूट का कोई सुराग नहीं मिलता नजर आता है। यही कारण है कि जावड़ेकर को भी इन संस्थानों के नामों की घोषणा करते हुए जियो इंस्टीट्यूट का कोई ट्विटर हैंडल नहीं मिला, इसलिए उन्होंने भी ऐसे ही इसका नाम लिख दिया।

जानकारी के अनुसार आने वाले कुछ साल में यह संस्थान अस्तित्व में आ सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक UGC ने कहा था कि यह इंस्टीट्यूट आने वाले 3 सालों के अंदर अपने अस्तित्व में आ जाएगा। इसे ग्रीन फील्ड कैटेगरी के अधीन चुना गया है। मगर अस्तित्व में आने के बाद इसके पास सबसे अधिक एटोनॉमी होगी। फिलहाल यह एक प्रोजेक्टेड संस्थान है।

नवी मुंबई में बनेगा जियो इंस्टीट्यूट
रिलायंस फाउंडेशन का जियो इंस्टीट्यूट अभी कागजों में है। मगर यह अगले तीन साल में अपना सेटअप तैयार कर लेगा यह इंस्टीट्यूट नवी मुंबई में स्थापित किया जाएगा, जहां पढ़ाई के साथ रिसर्च पर फोकस किया जाएगा। फिलहाल जियो इंस्टीट्यूट ग्रीन फील्ड वर्ग के तहत उत्कृष्ट संस्थान की रेस में शामिल हुआ है। वहीं पैनल अधिकारी एन गोपाल स्वामी ने भी कहा है कि जियो इंस्टीट्यूट को ग्रीनफील्ड कैटेगरी के तहत चुना गया है, जो कि नए संस्थानों के लिए होती है और उनका कोई इतिहास नहीं होता है।

अब सरकार के खिलाफ गंभीर सवाल यह खड़े हो रहे हैं कि वर्तमान में जब जियो इंस्टीट्यूट अपने अस्तित्व में ही नहीं है, तो फिर सरकार की ओर एक "बिना अस्तित्व" वाले कॉलेज या यूनिवर्सिटी को उत्कृष्ट संस्थान में किस आधार पर शामिल किया गया है।

Created On :   9 July 2018 11:29 PM IST

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