कर्नाटक के मछुआरों ने मदद के लिए प्रधानमंत्री से लगाई गुहार
- कर्नाटक के मछुआरों ने मदद के लिए प्रधानमंत्री से लगाई गुहार
उडुपी, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक में अग्रणी मछुआरों के निकाय ने मछली पकड़ने वाले राज्यों में नई तकनीकों को अपनाने की जरूरत पर प्रकाश डाला है।
उन्होंने भारतीय मछुआरों के लिए टेक्नोलॉजी एडॉप्शन (आईएफटीए) के तत्वावधान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है और उनसे इस क्षेत्र में नई तकनीकों को अपनाने के लिए सीधा हस्तक्षेप करने की अपील की है।
गुजरात में प्रमुख नाव मालिकों और मछली पकड़ने वाले सामुदायिक नेताओं ने भी हाल ही में प्रधानमंत्री को इसी मुद्दे पर पत्र लिखा था।
नॉर्थ कनारा डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव फिश मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष, गणपति मांगरे ने समुदाय के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में कहा, समुद्र में जाने के दौरान बेहतर पकड़ और सुरक्षा सुनिश्चित करने व भारतीय मछुआरों को समय पर एसओएस अलर्ट और हार्वेस्टिंग की भविष्यवाणी की पेशकश करने वाले सैटेलाइट आधारित नेविगेशन सिस्टम जैसी आधुनिक कनेक्टिविटी प्रौद्योगिकियों की अनुपलब्धता के कारण हर साल सैकड़ों और हजारों मछुआरे समुद्र में खो जाते हैं। हम उद्योग के लिए, हमारे जीवन और आजीविका के लिए ऐसे खतरों से बचने के लिए नई तकनीकों को अपनाने के लिए सरकार से मदद का आग्रह करते हैं।
वहीं, साउथ कनारा और उडुपी डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव फिश मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड, मंगलोर के अध्यक्ष यशपाल सुवर्णा ने कहा, हाल ही में मालपे में लापता हुए चार मछुआरों और पिछले साल सुवर्णा त्रिभुजा की घटना से जान गंवाने की घटना हम सभी की यादों में भयावह रूप से मौजूद है और हमें एहसास हुआ कि संचार और चेतावनियों की हमारी सामान्य विधियां इन जैसी त्रासदियों का जवाब देने के लिए पर्याप्त नहीं थीं। यह सही समय है कि भारत अत्यधिक उन्नत संचार और कनेक्टिविटी प्रौद्योगिकियों को अपनाए, जो मछली पकड़ने के क्षेत्र में पहले से ही उपलब्ध हैं।
उन्होंने आगे कहा, केंद्र को राज्यों में उपलब्ध प्रौद्योगिकियों के मानकीकरण गुणवत्ता के माध्यम से अपने अडॉप्शन को लागू करना चाहिए। हमने बीएसएनएल के ट्रांसपोंडर का टेस्ट किया है, जिसमें सीधे सैटेलाइट के माध्यम से दो-तरफा डेटा संचार होता है और गहरे समुद्र में काम करता है। हम प्रधानमंत्री के सीधे हस्तक्षेप का आग्रह करते हैं और उनकी सरकार से अनुरोध करते हैं कि वे नवीनतम तकनीक को तुरंत लागू करें। हमें आज समाधान की जरूरत है, क्योंकि थोड़ी भी देरी समुद्र में मछुआरों की सुरक्षा और जान पर खतरा बना रहेगा।
नेक्स्ट जेनरेशन के डिजिटल और सैटेलाइट संचार प्रौद्योगिकियों को अपनाने से मछली पकड़ने की हार्वेस्टिंग में उत्पादकता बढ़ेगी, विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धा पैदा होगी, इसके अलावा बीच समुद्र में राज्य के मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल चुनौती की भी जानकारी देगी।
एमएनएस/एसजीके
Created On :   7 Oct 2020 6:30 PM IST