कर्नाटक में चुनाव प्रचार थमा, आखिरी दिन बीजेपी ने मैदान में उतारे 23 दिग्गज

कर्नाटक में चुनाव प्रचार थमा, आखिरी दिन बीजेपी ने मैदान में उतारे 23 दिग्गज

डिजिटल डेस्क, बैंगलुरू। 12 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार शाम को चुनावी शोर थम गया है। प्रचार के आखिरी दिन सत्तारूढ़ कांग्रेस और बीजेपी ने यहां अपनी पूरी ताकत झोंकी। प्रचार के अंतिम दिन बीजेपी ने अपने 23 दिग्गज नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा, इनमें केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री शामिल थे।

 

 

कर्नाटक प्रतिष्ठा की लड़ाई

बीजेपी को पूरा एहसास है कि कांग्रेस से कर्नाटक में उसका मुकाबला बराबरी का है। यही वजह है कि पार्टी ने चुनाव प्रचार में कोई कसर बाकी नहीं रखी। पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पूरे चुनाव प्रचार की कमान अपने पास रखी। पीएम ने 21 सभाएं कर तकरीबन सभी विधानसभा क्षेत्रों तक बीजेपी का माहौल तैयार करने की कोशिश की। वहीं आखिरी दिन अमित शाह सीएम सिद्दारमैया के विधानसभा क्षेत्र बादामी में रोड शो किया।

 

 

आसान नहीं बीजेपी की राह 

चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद अब बारी मतदाता की है जहां वो अपनी नई सरकार का फैसला करेगा। वहीं, बात करें कर्नाटक चुनाव प्रचार की शुरुआत की तो जब बीजेपी ने कर्नाटक में कैंपेन शुरू किया उस वक्त 150 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य तैयार किया था। हालांकि अब ये लक्ष्य "मिशन इंपॉसिबल" में तब्दील हो चुका है। फिर भी बीजेपी नेताओं को भरोसा है कि 150 ना सही लेकिन वो "कंफरटेबल मेजॉरिटी" जरूर हासिल कर लेगी। 224 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस ने 2013 में 122 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। इस बार भी तमाम ओपिनियन पोल कांग्रेस को ही सबसे बड़ी पार्टी के रूप में देख रहे हैं। हालांकि अगर किसी दल को बहुमत नहीं मिला तो नतीजों के बाद जेडीएस की भूमिका किंगमेकर की हो सकती है।

 

सिद्धारमैया पर भरोसा या येदियुरप्पा की वापसी ?

कर्नाटक चुनाव पर पूरे देश की नजर है और कोई ये जानना चाहता है कि कर्नाटक का मतदाता सिद्धारमैया को फिर चुनता है या येदियुरप्पा की वापसी करवाएगा? नरेंद्र मोदी और अमित शाह जहां कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते दिखे, वहीं येदियुप्पा और रेड्डी बंधुओं पर उठने वाले सवालों को लेकर बीजेपी को असहज स्थितियों का सामना भी करना पड़ा। दूसरी ओर सिद्धारमैया अपनी सरकार के कामकाज और उपलब्धियों को मुखरता से रखते दिखाई दिए।

 

कर्नाटक का 2019 के चुनाव पर क्या असर ?

भले ही ये एक राज्य का चुनाव है, लेकिन इसके नतीजे लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी अहमियत रखते हैं। अगर कांग्रेस जीतती है तो राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद ये जीत पार्टी का मनोबल बढ़ाएगी। गुजरात में करीबी मुकाबले के बाद कांग्रेस के लिए ये जीत 2019 में फिर उठकर खड़े होने में मददगार साबित होगी। वहीं अगर बीजेपी जीतती है तो उसके खाते में एक और राज्य जुड़ जाएगा। साथ ही आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए उसकी जीत का दावा और मजबूत होगा।

Created On :   10 May 2018 9:02 AM IST

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