केरल में बाढ़ सेस का संग्रह शुरू
- यह बाढ़ सेस के तहत लगाया जा रहा है
- जिसका प्रयोग राज्य में पिछले साल बाढ़ से तबाह हुए इलाकों के पुर्ननिर्माण पर किया जाएगा
- केरल में गुरुवार से 928 वस्तुओं पर एक फीसदी सेस का संग्रह शुरू हो गया है
- जिनमें इलेक्ट्रॉनिक सामानों से लेकर बिल्डिंग मैटीरियल तक शामिल है
- जिन पर पांच फीसदी से अधिक की दर से जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लगाया जा रहा है
यह बाढ़ सेस के तहत लगाया जा रहा है, जिसका प्रयोग राज्य में पिछले साल बाढ़ से तबाह हुए इलाकों के पुर्ननिर्माण पर किया जाएगा। हालांकि खाने पीने के सामानों पर सेस नहीं लगाया गया है।
केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को दो साल के लिए एक फीसदी का अतिरिक्त सेस लगाने को मंजूरी दे दी है।
राज्य के वित्त मंत्री थॉमस इसाक को उम्मीद है कि इस एक फीसदी सेस से सरकार के खजाने में 2,600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रकम आएगी, जिसका इस्तेमाल केरल के पुर्ननिर्माण में किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इसका संग्रह मासिक आधार पर किया जाएगा।
हालांकि अर्थशास्त्री मैरी जार्ज का कहना है कि केंद्र सरकार ने अतिरिक्त एक फीसदी सेस संग्रह करने को मंजूरी इसलिए दी कि वह राज्य सरकार द्वारा फंड मुहैया कराने के आग्रह को कई बार किए जाने के बाद भी पूरा नहीं कर रही थी।
जार्ज ने कहा, यह तरीका गलत नहीं है, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इस मद में इकट्ठा की गई रकम जिस उद्देश्य से ली गई है, उसी में खर्च होगी। अतीत में केरल की सरकारों ने इस तरह की जरूरत के लिए इकट्ठा रकम को अन्य जगहों पर खर्च किया है। इसलिए ऐसा दुबारा नहीं होना चाहिए।
विश्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि बाढ़ से केरल को कुल 31,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
--आईएएनएस
Created On :   1 Aug 2019 11:00 PM IST