केरल लव जिहाद केस : SC ने पलटा HC का फैसला, अब पति-पत्नी रहेंगे हादिया-शफीन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल लव जिहाद केस पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के उस फैसले को पलट दिया है, जिसमें हादिया-शफीन जहां की शादी को रद्द करने का फैसला दिया गया था। गुरुवार को अपना फैसला देते हुए हादिया और शफीन जहां की शादी को बहाल कर दिया है। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि "हादिया और शफीन अब पति-पत्नी की तरह रह सकेंगे।" बता दें कि मई 2017 में केरल हाईकोर्ट ने हादिया और शफीन की शादी को रद्द करने का फैसला दिया था, जिसके खिलाफ हादिया ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन फाइल की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ की बेंच ने केरल लव जिहाद केस में आज अपना अहम फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की हेड वाली बेंच ने अपने फैसले में कहा कि "आर्टिकल 226 के तहत केरल हाईकोर्ट हादिया-शफीन की शादी को रद्द नहीं कर सकती है।" कोर्ट ने कहा कि "केरल हाईकोर्ट का फैसला पूरी तरह गलत था। इसलिए अब हादिया अपने पति शफीन जहां के साथ रह सकेंगी।" हालांकि कोर्ट ने ये भी कहा कि "NIA इस मामले में अपनी जांच जारी रख सकती है।"
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने क्या कहा था?
इससे पहले पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दो बालिगों की शादी की जांच करने का हक किसी को नहीं है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएम खानविलकर की बेंच ने इस केस पर सुनवाई करते हुए कहा था कि "हादिया अपनी मर्जी से शादी की बात कह रही हैं तो ऐसे में कोर्ट इस शादी को कैसे अवैध ठहरा सकती है?" कोर्ट ने कहा कि "अगर हादिया को कोई समस्या नहीं है, तो फिर ये मसला यहीं खत्म हो जाता है। जहां तक हादिया के पति के क्रिमिनल बैकग्राउंड की बात है, तो उसकी जांच हो सकती है, लेकिन शादी की जांच का हक किसी को नहीं है।" कोर्ट ने कहा कि "ये शादी विवाद से परे है और हादिया बालिग है। इस शादी पर किसी को सवाल उठाने का कोई हक नहीं है, न ही किसी कोर्ट को और न ही किसी जांच एजेंसी को। लिहाजा NIA इस शादी की वैलिडिटी पर जांच नहीं कर सकती।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, केरल में अखिला अशोकन उर्फ हादिया ने दिसंबर 2016 में शफीन जहां नाम के मुस्लिम लड़के से शादी कर ली थी। लड़की के पिता केएम अशोकन ने आरोप लगाया था कि ये लव जिहाद का मामला है और उनकी बेटी का जबरन धर्म परिवर्तन करवाकर शादी करवाई गई है। अखिला उर्फ हादिया के पिता केरल हाईकोर्ट में इस शादी के खिलाफ पिटीशन फाइल की। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 25 मई 2017 को ये शादी रद्द करते हुए हादिया को उसके माता-पिता के पास रहने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ हादिया के पति शफीन जहां ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
हादिया ने कहा था- मैं एक मुस्लिम महिला हूं
पिछली बार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हादिया जब कोच्ची एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हो रही थी तब उन्होंने मीडिया से कहा था कि वो एक मुस्लिम महिला हैं और इस्लाम अपनाने के लिए उनपर कोई दबाव नहीं डाला गया है। हादिया ने कहा था कि "उन्होंने इस्लाम अपनी मर्जी से अपनाया है और वो अपने पति शफीन जहां के साथ रहना चाहती हैं।" हादिया ने ये भी कहा था कि "इस्लाम अपनाने के लिए उनपर किसी ने कोई दबाव नहीं डाला था और वो सिर्फ न्याय चाहती हैं।" पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हादिया को तमिलनाडु के सलेम स्थित होम्योपैथिकल कॉलेज में अपनी पढ़ाई जारी रखने का आदेश दिया था।
Created On :   8 March 2018 2:48 PM IST