आसाराम की करतूतों की कहानी, जानिए बीते 5 साल में कब क्या हुआ
- मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में स्थित आसाराम के आश्रम में लड़की पढ़ाई कर रही थी।
- आसाराम के खिलाफ जिन धाराओं में केस दर्ज हैं उनमें उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।
- आसाराम पर धारा 370 (4)
- 342
- 354ए
- 506
- 509
- 376
- 376(2)एफ
- 376 डी
- 506
- 509/34
- 120बी
- 109 के तहत आरोप तय किए गए।
- आसाराम बापू पर यूपी के शाहजहांपुर की एक नाबालिग से रेप का आरोप है।
- जोधपुर में 30 अप्रैल तक धारा 144 लागू रहेगी।
- पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आसाराम ने जोधपुर के पास मनई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आसाराम पर चल रहे दुष्कर्म के मामले पर फैसले की घड़ी आ गई है। इस मामले में राजस्थान की जोधपुर कोर्ट, जोधपुर सेंट्रल जेल के अंदर ही अपना फैसला सुनाएगी। फैसले के मद्देनजर जोधपुर कोर्ट के आसपास के इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। वहीं राजस्थान, हरियाणा और गुजरात तीनों राज्यों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आसाराम पर पिछले पांच सालों ने यौन शोषण का मामला चल रहा है। आइए जानते हैं आसाराम और उन पर लगे आरोपों की कहानी। उसने कैसे वारदातों को अंजाम दिया और कैसे पुलिस के चंगुल में फंसा। ये है आसाराम की करतूतों की असली कहानी।
आसाराम बापू पर यूपी के शाहजहांपुर की एक नाबालिग से रेप का आरोप है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में स्थित आसाराम के आश्रम में लड़की पढ़ाई कर रही थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आसाराम ने जोधपुर के पास मनई आश्रम में 15 अगस्त 2013 को उसके साथ दुष्कर्म किया था।
दो दिन बाद ही लड़की के पिता ने दिल्ली में आसाराम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी। दिल्ली पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल टेस्ट कराने के बाद केस राजस्थान पुलिस को ट्रांसफर कर दिया। राजस्थान पुलिस ने आसाराम को समन जारी कर दिया। इसके आलावा गुजरात के सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे पर रेप का आरोप लगाया था। बड़ी बहन ने शिकायत की थी कि, आसाराम ने 2001 से 2006 के बीच कई बार उनका यौन शोषण किया। छोटी बहन ने आसाराम के बेटे नारायण साईं पर रेप का आरोप लगाया था। जिसके बाद दिसंबर 2013 में नारायण साईं को भी अरेस्ट कर लिया गया था।
आसाराम की गिरफ्तारी भी फिल्मी अंदाज में हुई। इंदौर के आश्रम में आसाराम बीमारी का बहाना करके पुलिस से बचने की कोशिश कर रहे थे। घंटों इंतजार के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। दरअसल गिरफ्तारी से पहले पुलिस को उसकी मेडिकल जांच करानी पड़ी। रिपोर्ट में आसाराम बिल्कुल फिट निकला तब जोधपुर पुलिस की टीम उसके इंदौर स्थित आश्रम पहुंची। आश्रम के बाहर आसाराम के हजारों समर्थकों का जमावड़ा लग चुका था।
करीब आठ घंटे इंतजार करने के बाद पुलिस ने रात करीब साढ़े 12 बजे आसाराम को अरेस्ट कर लिया। इसके बाद पुलिस उन्हें प्लेन से लेकर जोधपुर पहुंच गई।
आसाराम के साथ कब - कब क्या हुआ
अगस्त 2013 में आसाराम को पुलिस कस्टडी में लिया गया। इसके बाद जोधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। एक महीने बाद उनका पोटेंसी टेस्ट ( मर्दानगी जांच ) कराया गया फिर उन्हें जोधपुर कोर्ट के सामने पेश किया गया। आसाराम के पक्ष से एक एक करके एक दर्जन जमानत याचिकाएं दायर की गईं लेकिन सभी याचिकाओं को ट्रायल कोर्ट, राजस्थान हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।
नवंबर 2013 में आसाराम सहित अन्य चार लोगों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई। चार्जशीट में आसाराम पर धारा 370 (4), 342, 354ए, 506, 509, 376, 376(2)एफ, 376 डी, 506, 509/34, 120बी, 109 के तहत आरोप तय किए गए। साथ ही POCSO की धारा 5, 6, 7, 8 और 17 के तहत और जेजे एक्ट की धारा 23,26 के तहत भी आरोप तय किए गए। आसाराम के खिलाफ जिन धाराओं में केस दर्ज हैं उनमें उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।
गवाहों पर हमले की घटनाएं केस को उलझाती गईं। 2014 में आसाराम के निजी सहयोगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। 2015 में मुजफ्फरनगर में आसाराम के एक और सहयोगी को मार दिया गया। इसी साल दो गवाहों पर अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया। जबकि लखनऊ से एक गवाह गायब हो गया।
फैसले की घोषणा को लेकर तीन राज्यों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। राजस्थान, गुजरात और हरियाणा में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। जोधपुर सेंट्रल जेल में फैसले की सुनवाई को दौरान मीडिया कवरेज के लिए दायर याचिका को भी जोधपुर कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जोधपुर में 30 अप्रैल तक धारा 144 लागू रहेगी।
Created On :   25 April 2018 8:46 AM IST