लॉ कमिशन का सुझाव- लोकसभा के साथ 12 राज्यों में एक साथ हो सकते हैं चुनाव
- देश में एक साथ चुनाव पर लॉ कमिशन ने ड्राफ्ट रिपोर्ट में दिए सरकार को महत्वपूर्ण सुझाव।
- रिपोर्ट के अनुसार
- 12 राज्यों में बिना संविधान संशोधन के संभव है एक साथ चुनाव।
- लॉ कमिशन ने कहा
- एक साथ चुनाव के लिए संविधान में करने होंगे जरुरी संशोधन।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की केन्द्र सरकार की कोशिश धीरे-धीरे और तेज होती जा रही हैं। गुरुवार को लॉ कमिशन ने भी केन्द्र सरकार को भेजी गई अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट में इस पर सहमति जताई है और इसके लिए संविधान में संशोधन की सलाह दी है। लॉ कमिशन ने ड्रॉफ्ट रिपोर्ट में कहा है, "हम जानते हैं कि संविधान के अनुसार फिलहाल एक साथ चुनाव कराना संभव नहीं है। इसलिए इसे संभव करने के लिए संविधान में कुछ जरूरी संशोधन करने होंगे।" लॉ कमिशन का कहना है कि सरकार को इसके लिए यह भी सुनिश्चित करना होगा कि संविधान और अन्य कानून में कम से कम संशोधन करना पड़े।
लॉ कमिशन ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि आधे राज्यों में एक साथ चुनाव कराने लिए संवैधानिक संशोधन जरूरी नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, 2019 के आम चुनावों के साथ 12 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश का चुनाव कराया जा सकता है। इसके तहत 2019 के आम चुनाव के बाद साल 2021 में बाकी 16 राज्यों और पुडुचेरी के चुनाव आयोजित किए जा सकते हैं। इस तरह देश भर में दो भागों में एक साथ चुनाव बिना संवैधानिक संशोधन के संभव है। कमीशन के अनुसार, पांच साल की अवधि में केवल दो बार चुनाव कराकर भी चुनावी खर्चों को कम किया जा सकता है और समय की बर्बादी को निंयत्रित किया जा सकता है।
गौरतलब है कि केंद्र की बीजेपी सरकार देश में एक साथ चुनाव कराने को लेकर लगातार मुहीम चला रही है। बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता इस मामले में मुख्य चुनाव आयुक्त से भी मिल चुके हैं। पीएम मोदी भी अपने सम्बोधन में कई बार एक देश एक चुनाव की बात कर चुके हैं। इसके पीछ बीजेपी का कहना है कि एक साथ चुनाव होने से सरकार के खर्चे और बेवजह समय की बर्बादी को रोका जा सकता है। बीजेपी का यह भी कहना है कि वर्तमान में हर समय कहीं न कहीं चुनाव होते रहते हैं, ऐसे में हर दल हर समय चुनावी तैयारियों में व्यस्त रहता है। कई बार इससे विकास योजनाएं भी प्रभावित होती है। ऐसे में एक साथ चुनाव कराने पर इन समस्याओं से देश को छुटकारा मिल सकता है।
बीजेपी की इस मुहिम का विरोध लगभग सभी विपक्षी दल करते रहे हैं। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, AAP, टीडीपी, लेफ्ट पार्टियां और जेडीएस एकसाथ चुनाव के प्रस्ताव के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा चुकी हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत भी यह स्पष्ट कह चुके हैं कि वर्तमान परिस्थितियों में देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराना असंभव है।
Created On :   30 Aug 2018 10:54 PM IST