मप्र में बारिश से जिंदगी घिरी मुसीबत में, राहत और बचाव कार्य जारी

Life in trouble due to rain in MP, relief and rescue work continues
मप्र में बारिश से जिंदगी घिरी मुसीबत में, राहत और बचाव कार्य जारी
मध्य प्रदेश मप्र में बारिश से जिंदगी घिरी मुसीबत में, राहत और बचाव कार्य जारी
हाईलाइट
  • शुजालपुर में भी लोगों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया गया है।

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में हो रही बारिश मुसीबत का सबब बन गई है। नदी, नालों से लेकर बांध तक उफान मार रहे हैं और शहरों की बस्तियां जलमग्न हो गई हैं। आवासीय कॉलोनी की सड़कों पर नाव चलानी पड़ रही है और गांव में फंसे लोगों को निकालने के लिए राहत और बचाव दल के साथ हेलिकॉप्टर तक की मदद ली जा रही है।

राज्य के बड़े हिस्से में बारिश ने जमकर कोहराम मचाया है। सड़क संपर्क बाधित हो रहा है तो वहीं कई इलाके पानी से घिरे हुए हैं। राज्य की प्रमुख नदियों -- नर्मदा, पार्वती, केन, बेतवा, तमस, सिंध, चंबल आदि का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। इसके कारण लोगों की जिंदगी मुसीबत हो गई है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार की सुबह बारिश और उससे बने हालात की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने चंबल, पार्वती और सिंध नदी में पानी के बढ़ रहे संभावित स्तर को लेकर भिंड, मुरैना, श्योपुर को सतर्क रहने के निर्देश दिए। साथ ही अतिवृष्टि से हुए फसल नुकसान, सड़क, पुलिया सहित अन्य नुकसान की जानकारी शीघ्र मुख्यमंत्री कार्यालय को देने के निर्देश दिए।

समीक्षा बैठक में बताया गया कि, पार्वती नदी गुना में अपने अधिकतम जलस्तर पर बह रही है। नर्मदा नदी अपने अधिकतम जलस्तर से लगभग 2.88 मीटर नीचे बह रही है। पन्ना में केन नदी अपने अधिकतम जल स्तर के करीब है। सतना में तमस नदी अपने अधिकतम जलस्तर से 2.5 मीटर नीचे बह रही है।

नदियों का जलस्तर बढ़ने के साथ बांधों का जलस्तर भी बढ़ा है। प्रदेश में राजघाट, गांधी सागर, बरगी, तवा, हंडिया, मोहनपुरा, बारना, कोलार, ओंकारेश्वर, कलियासोत, भदभदा आदि बांधों में जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है। बरगी बांध के 13 गेट खुले हैं। टीकमगढ़ में बानसुजारा बांध के 11 गेट खोल दिए गए हैं। बारना बांध के चार गेट खुले हैं। इंदिरा सागर बांध के 12, गांधी सागर बांध के आठ, कुंडालिया बांध के 10, कलियासोत के 12, केरवा के आठ, मणिखेड़ा के आठ, मोहनपुरा के 14, राजघाट के 16, ओमकारेश्वर के 18, संजय सागर के 2 एवं कुशलपुरा के 7 गेट खोल दिए गए हैं।

विगत 24 घंटों में प्रदेश में बाढ़ और जलभराव में फंसे 405 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है। लगभग 2300 लोगो को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाया गया है। विदिशा में लगभग 18 राहत शिविरों में 1200 प्रभावित व्यक्तियों को ठहराया गया है। प्रभावित व्यक्तियों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की जा रही है। विदिशा एवं गुना के 25 गांवों में जलभराव की स्थिति व बाढ प्रभावित है। विदिशा एवं गुना के 10 गांव में दो हेलिकॉप्टर एयर लिफ्टिंग हेतु लोगों के बचाव कार्य के लिए भेजे जा रहे हैं। राजगढ जिले में आठ राहत शिविरों में लगभग 500 व्यक्तियों को ठहराया गया है। कालीसिंध, पार्वती एवं चंबल नदी के जल स्तरों पर भी निरंतर नजर रखी जा रही है।

राज्य में राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ व एसडीआरएफ तथा होमगार्ड सहित कुल 109 टीमें लगी हुई है। बताया गया है कि विदिशा जिले में फंसे लोगो के राहत बचाव कार्य जारी हैं। बोट्स के माध्यम से जलभराव में फंसे लोगो को रेस्क्यू किया जा रहा है। वर्तमान में पांच स्थानों पर हेलिकॉप्टर से एयर लिफ्टिंग की जरुरत बताई जा रही है। नागपुर एवं मुम्बई से दो हेलिकॉप्टर एयर लिफ्टिंग हेतु भेजे जा रहे हैं। यही हाल राजगढ़ का भी है।

भारी बारिश के चलते शाजापुर के बमोरी ग्राम में तालाब से पानी रिसाव की सूचना के बाद प्रभावित होने वाले गांवों को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। डैम को भी रिपेयर किया गया है। जिससे पानी का रिसाव कफी कम हो गया है। शुजालपुर में भी लोगों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया गया है।

 

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Created On :   23 Aug 2022 1:30 PM IST

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