नर्मदा घोटाला यात्रा निकालने वाले 5 संतों को शिवराज ने दिया राज्यमंत्री का दर्जा
डिजिटल डेस्क, भोपाल. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वामी नामदेव त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा समेत पांच साधुओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है। कंप्यूटर बाबा अन्य साधु-संतों के साथ मिलकर नर्मदा नदी के संरक्षण और रखरखाव को लेकर शिवराज सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले थे, लेकिन मंत्री का दर्जा मिलते ही बाबाओं के सुर बदल गए हैं। जहां कंप्यूटर बाबा अन्य संतों के साथ मई में ‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’ निकालने वाले थे, वे अब कह रहे हैं कि राज्य में घोटाले का तो सवाल ही नहीं उठता है। वहीं राज्यमंत्री का दर्जा मिलने के बाद मुख्यमंत्री के खिलाफ बिगुल फूंकने वाले कंप्यूटर बाबा का कहना है कि सरकार ने बहुत काम किया है। शिवराज सरकार ने जिन पांच संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है, उनके कारनामे भी बिल्कुल ही जुदा हैं। इनमें से एक कंप्युटर बाबा तो हैलिकॉप्टर से नीचे ही नहीं उतरतें हैं, जबकि दूसरे भय्यु महाराज मर्सिडीज के दीवाने हैं। इन बाबाओं के नाम नर्मदानंद महाराज, हरिहरानंद महाराज, कम्प्यूटर बाबा, भय्यू महाराज और पंडित योगेंद्र महंत हैं।
क्या है मामला
बता दें कि राज्यमंत्री का दर्जा पाने वाले इन्हीं बाबाओं के नेतृत्व में 28 मार्च को इंदौर में हुई संत समाज की बैठक में फैसला लिया गया था कि प्रदेश के 45 जिलों में उन 6.5 करोड़ पौधों की गिनती कराई जाएगी जिन्हें पिछले साल 2 जुलाई को शिवराज सरकार ने नर्मदा किनारे रोपित करने का दावा किया था। उन्होंने सरकार के इस दावे को महाघोटाला तक करार दिया था और नर्मदा घोटाला रथ यात्रा निकालने की घोषणा भी की थी। राज्य मंत्री का दर्जा देने से पहले प्रदेश सरकार ने इन पांच बाबाओं के नेतृत्व में नर्मदा से सटे क्षेत्रों में पौधरोपण, जल संरक्षण और साफ-सफाई जैसे विषयों पर जनजागरूकता अभियान चलाने के लिए एक विशेष समिति गठित की थी। इस समिति के ही पांच विशेष सदस्यों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है।
बाबाओं ने बैठक में तय किया था कि 1 अप्रैल से 15 मई तक नर्मदा घोटाला रथ यात्रा निकाली जाएगी। इसका नेतृत्व कम्प्यूटर बाबा करने वाले थे। संतो मे राजधानी भोपाल सचिवालय में धरना देने का भी ऐलान किया था। हालांकि इस चेतावनी के बाद सीएम शिवराज ने अपने आवास संतो के साथ बैठक भी की थी। राज्यमंत्री का दर्जा मिलने के बाद संतों के सुर बदल गए हैं। कुछ संतों ने तो नर्मदा घोटाला रथ यात्रा रद्द कर दी है। कम्प्यूटर बाबा ने यात्रा निरस्त करने की जानकारी देते हुए कहा प्रदेश सरकार ने नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए साधु-संतों की समिति बनाने की हमारी मांग पूरी कर दी है। इसलिए अब हम यात्रा नहीं निकालेंगे।
कौन हैं ये पांच बाबा
1. कंप्यूटर बाबा
शिवराज सरकार द्वारा नवाजे गए एक राज्यमंत्री कंप्यूटर बाबा भी हैं। इनका सही नाम स्वामी नामदेव त्यागी है। कंप्युटर बाबा के बारे में कहा जाता है कि वे हेलिकॉप्टर से नीचे नहीं उतरते हैं। कंप्युटर बाबा को हेलिकॉप्टर से ही चलना पसंद करते हैं। कंप्यूटर बाबा अचानक सुर्खियों में तब आए थे, जब उन्होंने 2013 में कुंभ मेले में आने के लिए हेलीकॉप्टर से आने की अनुमति मांगी थी। वह इंदौर के दिगंबर अखाड़ा का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनके पास वाई-फाई डोंगल, मोबाइल और एक लैपटॉप हमेशा साथ रहता हैं।
2. नर्मदानंद जी महाराज
शिवराज सरकार द्वारा राज्यमंत्री का दर्जा पाने वाले नर्मदानंद बाबा मध्य प्रदेश के नामी संतों में से एक हैं। हनुमान जयंती और राम नवमी के अवसर पर हर बार यात्रा निकालते हैं। उन्होंने पिछले साल कई सारी शोभा यात्राओं का आयोजन था। अब उन्हें मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य मंत्री का दर्जा दिया है।
3. भय्यू महाराज
जमींदार और पूर्व मॉडल भय्यू महाराज का वास्तविक नाम उदय सिंह देशमुख है। भय्यू महाराज अपनी शान ओ शौकत के कारण अधिक जाने जाते हैं। भय्यू महाराज व्हाइट मर्सिडीज के दीवाने हैं। वे खुद व्हाइट मर्सिडीज एसयूवी से ही सफर करते हैं। साथ ही उनके साथ कई फॉलोअर का काफीला भी चलता है। पिछले साल वह तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने इंदौर की एक लड़की डॉ. आयुषी से शादी की थी। उनकी पहली पत्नी माधवी का 2015 में निधन हो गया था।
बताया जाता है कि भय्यू महाराज को 2011 में लोकपाल आंदोलन के समय अन्ना का अनशन तुड़वाने के लिए केंद्र सरकार ने दूत बनाकर भेजा था। बतौर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का भी सद्भावना उपवास भय्यू महाराज ने ही तुड़वाया था।
4. योगेंद्र महंत
"नर्मदा घोटाला रथ यात्रा" के संयोजक रहे योगेंद्र मंहत तो भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ कई बार बोलते हुए भी नजर आए हैं। मगर इन्हें भी शिवराज सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा देने का फैसला किया है। इन्होंने एक मई से 15 मई तक बीजेपी सरकार के खिलाफ यात्रा निकालने का फैसला किया था। उनका आरोप था की नर्मदा हरियाली प्रोजेक्ट के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला किया किया गया। मगर अब राज्यमंत्री का दर्जा मिलते ही उनके सुर बदल चुके हैं।
5. हरिहरानंद
हरिहरानंद ने नर्मदा संरक्षण के लिए काफी काम किया है। वे नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा में भी शामिल रहे हैं। नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा 11 दिसंबर 2016 से 11 मई 2017 तक 144 दिनों तक चली थी। यह अमरकंटक से शुरू हुई थी।
Created On :   4 April 2018 5:47 PM IST