महाराष्ट्र सरकार ने मानी किसानों की मांगें, आंदोलन खत्म कर घर लौटने लगे किसान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में अपनी मांगों को लेकर नासिक से 180 किलोमीटर का पैदल मार्च कर मुंबई पहुंचे किसानों ने अब लौटना शुरू कर दिया है। सोमवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा अपनी मांगों के सम्बंध में लिखित आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने अपना आंदोलन वापस लेने की घोषणा की है। किसानों द्वारा आंदोलन वापस लेने की घोषणा के बाद मुंबई के आजाद मैदान में डंटे 35000 से ज्यादा किसान फिर से नासिक की ओर निकल पड़े हैं। मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस किसानों के साथ सुलह होने की जानकारी देते हुए कहा है कि राज्य सरकार ने किसानों की अधिकतर मांगें मान ली हैं और उन्हें लिखित पत्र दिया है। उन्होंने बताया कि 6 महीनों के अंदर किसानों की सभी समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा।
बता दें कि सोमवार दोपहर को किसान नेताओं और राज्य सरकार के बीच एक अहम बैठक हुई थी। करीब 1 बजे किसानों का एक डेलीगेशन विधानसभा में इस बैठक के लिए पहुंचा था। तीन घंटे तक चली सरकार और किसानों के बीच इस बैठक में मुख्यमंत्री फडणवीस की अध्यक्षता में विधानसभा के अंदर सभी दलों के नेता मौजूद थे। बैठक के बाद महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने कहा था कि किसानों के साथ हमारी सकारात्मक बैठक हुई है। उनकी 12-13 मांगें हैं जिनमें से कुछ को स्वीकार कर लिया गया है। वे हमारे निर्णय से संतुष्ट हैं।
इससे पहले महाराष्ट्र में किसानों के आंदोलन पर सोमवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा था कि सही मायने में ये मोर्चा अति महत्वपूर्ण मांगों को लेकर नासिक से मुंबई तक आया है। जिसमें 90-95% गरीब आदिवासी शामिल हैं। जिस समय ये मोर्चा निकलने वाला था उसी समय गिरीश महाजन ने चर्चा की थी हमने काफी प्रयास भी किए लेकिन आंदोलनकर्ता मोर्चा निकालने के लिए अटल थे। मोर्चे के दौरान ट्रैफिक, मेडिकल की सभी सुविधाएं दी गई।
उन्होंने कहा, "सही मायने में आदिवासी भाई-बहन स्वागत योग्य हैं। उन्होंने शांति से मोर्चा निकाला। कल मुंबई में प्रवेश करने के पूर्व उनसे सर्विस रोड से आने का आग्रह किया गया जिसे उन्होंने मान लिया।" सीएम ने आगे कहा कि उनकी जो मांगें हैं उसे सभी का समर्थन मिला है। हमें उनकी समस्या का हल निकालना है। उनकी सबसे बड़ी समस्या वनभूमि के अधिकार की है क्योंकि इसमें से 95% भूमिहीन हैं। वनभूमि के मामले में उन्हें अधिकार ही नहीं मिला है। हमने इसके लिए समिति तैयार की है।
CM @Dev_Fadnavis in Maharashtra Legislative Assembly on Long March by Kisan Sabha pic.twitter.com/nMfCKE1h0g
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) March 12, 2018
मुंबई के सोमैया मैदान में डंटे थे किसान
5 मार्च को नासिक से शुरू हुआ किसानों का ये मार्च शुक्रवार को ठाणे पहुंचा था, शनिवार को भिवंडी और रविवार को यह मार्च मुंबई पहुंचा। मुंबई के सोमैया मैदान में करीब 35 हजार किसानों ने रात गुजारी। सोमवार को ये किसान विधानसभा घेरने की तैयारी में थे।
बच्चों को परेशानी न हो इसलिए रात में किया था सफर
ये विशाल मोर्चा विधानसभा घेराव के लिए रात दिन चलता रहा, लेकिन रविवार को मुंबई पहुंचने के लिए उन्होंने रातभर सफर किया। इसके पीछे कारण था बच्चों को होने वाली परेशानी। दरअसल आज बच्चों की बोर्ड परीक्षा है। ऐसे में बच्चों की परीक्षा में कोई खलल पैदा न हो इसके लिए किसानों ने सारी रात पैदल यात्रा की।
50,000 farmers walked 180kms, asking for the rightful compensation for their crop. On their last stretch they walked all night making sure they didn’t disturb the SSC board examinations. #Compassion #respect #Salute #JaiKisan - pic.twitter.com/epa0a90A6u
— Riteish Deshmukh (@Riteishd) March 12, 2018
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी किसानों के समर्थन में ट्वीट किया है। राहुल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ है। उन्होंने पीएम मोदी और महाराष्ट्र के सीएम फडणवीस से किसानों की मांगें मानने की अपील की है।
The mammoth #FarmersMarchToMumbai is a stunning example of people’s power. The Congress party stands with the Farmers Tribals marching to protest against the Central State Govts. apathy.
I appeal to PM Modi and the CM to not stand on ego and to accept their just demands.
— Office of RG (@OfficeOfRG) March 12, 2018
महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी किसानों के आंदोलन को लेकर ट्वीट किया है।
Mondays are a time to share quotes about Motivaton to get to work.Over 35K farmers have walked for days to get to Mumbai.We Mumbaikars are fed by them..Seeing the elderly amongst them with calloused feet,I cannot preach about motivation.Their determination is enough of an example pic.twitter.com/DsEHwRawAw
— anand mahindra (@anandmahindra) March 12, 2018
They have arrived. They are Kisans who fed us. They are the ones paying with their lives while Nirav Modis enjoy patronage of the Government. #KisanLongMarch pic.twitter.com/EZdtCrNU78
— Aparna (@chhuti_is) March 11, 2018
किसानों की बड़ी मांगें
1. किसानों का कर्ज पूरी तरह से माफ किया जाए।
2. किसानों का बिजली बिल भी माफ किया जाए।
3. स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों को लागू किया जाए।
4. जंगल अधिकार कानून को भी लागू किया जाए।
180 किलोमीटर का था मार्च
ऑल इंडिया किसान सभा (AIKS) ने 6 मार्च को सेंट्रल नासिक के CBS चौक से चलना शुरू किया था। हर दिन 30 किलोमीटर चलते हुए ये मार्च 12 मार्च को मुंबई पहुंचा। नासिक से मुंबई के बीच AIKS का ये मार्च 180 किलोमीटर का है। महाराष्ट्र में AIKS को किसानों का काफी समर्थन मिला है। इस मार्च में महाराष्ट्र के बाकी जिलों के किसानों को भी समर्थन मिला है।
कैसे भड़का किसानों का गुस्सा?
मई 2017 में महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार के खिलाफ किसानों ने कर्ज माफी की मांग को लेकर एक बड़ा आंदोलन किया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने किसानों की मांग को मानते हुए 5 एकड़ से कम जमीन वाले किसानों का पुराना कर्ज माफ करने का फैसला लिया था। साथ ही नया बैंक लोन देने का भी फैसला लिया था, तब जाकर किसान आंदोलन शांत हुआ। किसानों के मुताबिक सरकार ने 34,000 करोड़ रुपए की कर्जमाफी का ऐलान किया था, लेकिन पिछले 6 महीनों में केवल 13,700 करोड़ का ही कर्ज माफ किया गया है। इसी कारण एक बार फिर से कर्जमाफी को लेकर किसानों ने आंदोलन छेड़ दिया।
Created On :   12 March 2018 7:41 AM IST