पदोन्नति में आरक्षण : सरकार ने मांगी लाभ लेने वालों की सूची, मचा हड़कंप
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) व अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को नौकरी में आरक्षण का प्रावधान संविधान में है। संविधान संशोधन के बाद इन वर्गों को पदोन्नति में भी आरक्षण का लाभ मिला, लेकिन इसके लिए मानक भी तय किए गए हैं। राज्य में 2004 से इन वर्गों को पदोन्नति में आरक्षण मिल रहा था, जिसे बॉम्बे हाईकोर्ट ने दो साल पहले अवैध घोषित कर दिया था।
राज्य सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इस बीच राज्य सरकार ने 2004 से 2017 तक पदेान्नति में आरक्षण का लाभ लेने वाले अधिकारी-कर्मचारियों की सूची मांगी है। आस्थापना विभाग के कक्ष अधिकारी महेश लाड ने सभी विभागों से इस संबंध में जानकारी देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट में जानकारी पेश करने के लिए यह कवायद होने की चर्चा है।
पदोन्नति में आरक्षण को अवैध घोषित
बॉम्बे हाईकोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण को अवैध घोषित करने के बाद SC, ST एम्प्लाइज और ऑफिसर्स एसोसिएशन ने सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर इसका हल निकालने की गुहार लगाई थी। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल को दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद से SC, ST व भटकी विमुक्त जनजाति (NT) को पदोन्नति में आरक्षण नहीं मिल रहा।
SC, ST व NT के हजारों अधिकारी पदोन्नति की राह पर हैं। राज्य सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण का लाभ लेने वाले सभी विभागों के अधिकारियों की सूची आस्थापना विभाग से मांगी है। आस्थापना विभाग के कक्ष अधिकारी ने संबंधित विभागों को यह सूची देने को कहा है। किस फार्मेट में जानकारी भेजी जाए, इसका नमूना भी संबंधित विभागों को भेजा गया है। 25 मई 2004 से 25 अक्टूबर 2017 तक जिन अधिकारियों ने पदोन्नति में आरक्षण का लाभ लिया, उन सभी की धडकनें तेज हो गई हैं।
अधिकारी इस पर बोलने को तैयार नहीं
सुप्रीम कोर्ट में जानकारी पेश करने के लिए यह कवायद होने की चर्चा है। चूंकि मामला देश की सबसे बड़ी अदालत में होने से कोई अधिकारी इस पर बोलने को तैयार नहीं है। सरकार ने यह जानकारी क्यों मांगी, इसका कारण किसी को पता नहीं, लेकिन आरक्षित वर्ग के अधिकारियों में चर्चा का बाजार गर्म है। सरकार ने पदोन्नति में आरक्षण का लाभ लिए किसी भी अधिकारी को अभी तक पदावनत नहीं किया है।
नहीं मिला प्रमोशन
आरक्षित कोटे के नायब तहसीलदार व तहसीलदारों को 2016 के बाद प्रमोशन नहीं मिला। सामान्य वर्ग के अधिकारियों को सेवा वरिष्ठता अनुसार पदोन्नति देना जारी है। नागपुर जिला प्रशासन में ही अलग-अलग विभागों में कार्यरत करीब 100 अधिकारी (आरक्षित वर्ग से) पदोन्नति की दहलीज पर खड़े हैं।
Created On :   5 Feb 2018 11:50 PM IST