दक्षिण कोरिया सिखाएगा महाराष्ट्र को ट्रैफिक जाम से निपटने के गुर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सड़कों पर वाहनों की लगातार बढ़ती भीड़ से शहरों में लगने वाले ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार दक्षिण कोरिया और सिंगापुर से सीख लेगी। इन दोनों देशों के यातायात व्यवस्था के अध्ययन के लिए राज्य सरकार ने अपने दो वरिष्ठ अधिकारियों को सियोल (द.कोरिया) और सिंगापुर के दौरे पर भेजा था। दौरे से लौट कर इन अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट नगर विकास विभाग को सौप दी है।
इस रिपोर्ट में ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए कुल 20 सिफारिशें की गई हैं। जिसमें सिंगापुर की तर्ज पर निजी वाहनों के इस्तेमाल की समय सीमा 10 साल तय करने का सुझाव दिया गया है। जनसंख्या के साथ-साथ देश के शहरों में वाहनों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है, जिसकी वजह से लोगों को घंटों ट्रैफिक में फंसना पड़ता है। दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में 1980 तक ट्रैफिक की हालत मुंबई जैसी ही थी। पर ट्रैफिक मैनेजमेंट के जरिए वहां की सरकार ने इस समस्या पर काबू पा लिया।
सियोल और सिंगापुर के ट्रैफिक सिस्टम का अध्ययन करने के लिए भारत के विभिन्न राज्यों से 26 अधिकारी भेजे गए थे। इसमें महाराष्ट्र सरकार के नगर विकास विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े दो अधिकारी भी शामिल थे। इन अधिकारियों ने सियोल और सिंगापुर की यातायात व्यवस्था का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में ट्रैफिक समस्या से निपटने के लिए 20 सुझाव दिए गए हैं।
इन अधिकारियों ने बताया कि सियोल में ट्रैफिक पर नियंत्रण के लिए सड़कों पर कोई पुलिसकर्मी तैनात नहीं रहता। पूरा नियंत्रण कंट्रोल रुम में बैठ कर किया जाता है। ज्यादा स्पीड पर वाहन चलाने पर ड्राईवर को कंट्रोल रुम से चेतावनी मिलती है। चेतावनी को न मानने वाले चालकों के लाईसेंस रद्द कर दिए जाते हैं।
इन सुझावों से सुलझ सकती है ट्रैफिक समस्या...
- ॰ सभी सार्वजनिक परिवहन के साधनों पश्चिम रेलवे, मध्य रेलवे, बेस्ट बस, मेट्रो रेल व टैक्सी के लिए हो एक ही प्राधिकरण
- ॰ एक ही कार्ड से मिले ट्रेन, बस व टैक्सी में यात्रा करने की सुविधा
- ॰ सीएसटी व चर्चगेट के बीच आवागमन के लिए सायकिल सुविधा
- ॰ रेलवे स्टेशनों पर हो छायादार पादचारी रास्ते
- ॰ ट्रैफिक पर नजर रखने के लिए कंट्रोल रुम की व्यवस्था
- ॰ बड़े शहरों में बसों के लिए हो अलग मार्ग
- ॰ पूरे मुंबई शहरी क्षेत्र (एमएमआर) में चले एक ही एक बस सेवा
- ॰ निजी वाहनों को सिर्फ 10 साल तक चलने की मिले अनुमति
- ॰ निजी जगहों जैसे हाउसिंग सोसाईटी, मॉल, अस्पताल व होटल में सभी को मिले पार्किंग की सुविधा
- ॰ क्षेत्रवार पार्किंग की उपलब्धता के बारे में जानकारी देनें केंद्रीय कृत सूचना प्रणाली
- ॰ हार्न बजाने पर जुर्माना वसूलने तैयार हो नीति
- ॰ सड़कों पर निजी वाहनों की संख्या में कमी लाने के लिए शुल्क में भारी बढ़ोतरी होनी चाहिए। पार्किंग शुल्क भी हो ज्यादा।
Created On :   13 April 2018 8:42 PM IST