रेप और एसिड पीड़ितों के लिए 'मनोधैर्य योजना', जल्द तय होगी 'कट ऑफ डेट'
डिजिटल डेस्क, मुंबई। दिसंबर 2009 के बाद रेप का शिकार व तेजाब हमले के पीडितों को 2013 में शुरु की गई मनोधैर्य योजना के तहत लाभ मिलेगा अथवा ये मामले पिछले साल नए सिरे से लागू इस योजना के दायरे में आएंगे। सरकार जल्द ही इस संबंध में नीतिगत लेते हुए कट आफ डेट तय करेगी। सोमवार को सरकारी वकील ने बांबे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी।
साल 2013 में सरकार ने बलात्कार पीड़िता व एसिड हमले के शिकार लोगों को आर्थिक मदद देने के लिए मनोधैर्य योजना शुरु की थी। इसके तहत सरकार ने तीन लाख रुपए मुआवजे की रकम तय की थी। इस बीच हाईकोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने नए सिरेरे से मनोधैर्य योजना बनाई जिसके तहत मुआवजे की रकम दस लाख रुपए तय की गई है। सरकार ने अपने शासनादेश में साफ किया है कि नई योजना पूर्ववर्ती प्रभाव से लागू नहीं होगी।
सुनवाई के दौरान सरकारी वकील नेहा भिडे ने जस्टिस आरएम बोर्डे की बेंच के सामने कहा कि 31 दिसंबर 2009 के बाद के मामले संभवतय: 2013 में बनाई गई मनोधैर्य योजना के दायरे में आएंगे। नई मनोधैर्य योजना की कट आफ तारीख जल्द ही तय की जाएगी। फिर तय किया जाएगा कि 31 दिसंबर 2009 के बाद दर्ज मामले में 2017 में शुरु की गई मनोधैर्य के दायरे में आएगे या फिर 2013 की योजना के तहत ही लाभ मिलेगा।
बेंच के सामने 2012 में एसिड हमले कि शिकार हुए हुई एक पीड़िता की याचिका पर सुनवाई चल रही है। इस दौरान सरकारी वकील ने कहा कि पीड़िता को अब तक 6 लाख रुपए के मुआवजे का भुगतान किया जा चुका है। पीड़िता की वकील ने कहा कि उसके मुवक्किल को नई योजना के तहत मुआवजे का भुगतान किया जाना चाहिए। बेंच ने फिलहाल मामले की सुनवाई 6 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी है।
Created On :   30 Jan 2018 12:20 AM IST