कोर्ट में बोली अकबर की वकील, कहा- गलत आरोपों से अकबर के सम्मान को पहुंची ठेस
- अकबर की वकील ने कहा
- मैसेज से अकबर के 40 साल से अर्जित मान को ठेस पहुंची
- एमजे अकबर की याचिका पर सुनवाई पूरी
- मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रिया रमानी के खिलाफ दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में दायर याचिका पर आज सुनवाई पूरी हुई। अकबर की तरफ से गीता लूथरा ने दलील पेश की। अकबर की वकील का कहना था कि जिस तरीके के अकबर के खिलाफ गलत आरोप लगाए जा रहे है। उससे उनकी की मानहानि हुई है, वो मान जो उन्होंने 40 साल से अर्जित किया था। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर तय की है। इस मामले में केस से जुड़े हुए तथ्य और गवाह अदालत के सामने पेश किए जाएंगे। अदालत ने कहा कि सबसे पहले अकबर का बयान दर्ज करवाएंगे बाद में बाकी गवाहों के दर्ज किए जाएंगे।
Criminal defamation case filed by #MJAkbar against journalist Priya Ramani: MJ Akbar"s lawyer Geeta Luthra said before court, "Irreparable damage caused to Akbar’s reputation which he has built over 40 years."
— ANI (@ANI) October 18, 2018
गौरतलब है कि MeToo कैंपेन से चर्चा में आने के बाद एमजे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इस मामले से निपटने के लिए अकबर ने 97 वकीलों की टीम तैयार की। इससे पहले कल अकबर ने भारी दबाव के बाद विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीकार कर लिया।
एमजे अकबर के इस्तीफे के बाद प्रिया रमानी संतुष्ट नजर आ रही है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, एम जे अकबर के इस्तीफे से महिलाओं के रूप में हम सही साबित हुए हैं। मुझे उस दिन का इंतजार है जब मुझे अदालत में न्याय मिलेगा.’’ जबकि एमजे अकबर ने अपने बयान में कहा, मैंने निजी तौर पर अदालत में न्याय पाने का फैसला किया है, इसलिए मुझे यह उचित लगा कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूं.’’ बयान में उन्होंने कहा है ‘‘मैं अपने खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों को निजी तौर पर चुनौती दूंगा। एमजे अकबर ने अपने बयानों में आगे कहा, मुझे गर्व है कि मुझे देश की सेवा करने का अवसर मिला। मैं इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आभार वक्त करना चाहूंगा।
MeToo कैंपेने के तहत अकबर के खिलाफ कम से कम 20 महिला पत्रकारों ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। ये सभी आरोप तब के हैं जब एमजे अकबर संपादक थे। बता दें कि एमजे अकबर ने अपने ऊपर आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी पर 97 वकीलों की फौज लेकर मानहानि का दावा पहले ही ठोक दिया और कोर्ट में किसी भी तरह की किरकिरी से बचने के लिए उन्होंने एक दिन पहले ही अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
Created On :   18 Oct 2018 8:13 AM IST