अब राज ठाकरे के निशाने पर मोदी सरकार, बोले इससे बेहतर थी UPA  सरकार

MNS chief Raj Thackeray said UPA goverment was bettter than the present Modi Govt
अब राज ठाकरे के निशाने पर मोदी सरकार, बोले इससे बेहतर थी UPA  सरकार
अब राज ठाकरे के निशाने पर मोदी सरकार, बोले इससे बेहतर थी UPA  सरकार
हाईलाइट
  • अब ठाकरे के निशाने पर मोदी सरकार
  • एमएनएस प्रमुख बोले मोदी से बेहतर थी UPA सरकार
  • ठाकरे की पार्टी मनसे ने बंद के दौरान कांग्रेस को दिया था समर्थन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। रुपए की गिरती कीमत और लगातार आसमान छू रहे पट्रोल-डीजल के दामों के कारण मोदी सरकार की कड़ी आलोचना हो रही है। अब महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। ठाकरे ने कहा कि मौजूदा मोदी सरकार यूपीए से भी खराब है। इससे पहले सोमवार को भारत बंद के दौरान राज ठाकरे की पार्टी मनसे ने कांग्रेस को समर्थन भी दिया था। वहीं ठाकरे ने शिवसेना पर भारत बंद का समर्थन न करने को लेकर सवाल उठाए हैं। मीडिया से बात करते हुए ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार को भी जमकर कोसा, उन्होने कहा कि झूठ फैलाना भाजपा की पुरानी आदत है। महाराष्ट्र में ना तो शौचालय बने हैं ना ही पानी की समस्या से निपटने के लिए कुएं खोदे गए हैं।

इसलिए बढ़ रही हैं तेल की कीमतें
जानकारों का मानना है कि आने वाले वक्त में भारतीय बाजारों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें और बढ़ सकती हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफे के पीछे रुपया एक बड़ा कारण है। रुपये में गिरावट के चलते ही तेल कंपनियां लगातार कीमतों में बदलाव कर रही हैं। दरअसल, कंपनियां डॉलर में तेल का भुगतान करती हैं, जिसकी वजह उन्हें अपना मार्जिन पूरा करने के लिए तेल की कीमतों को बढ़ाना पड़ रहा है। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर टैक्स कम करे और इसे जीएसटी के दायरे में लाए, लेकिन केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के लिए अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों को जिम्मेदार ठहरा रही है।

आंध्र सरकार ने वैट कम कर दी राहत, महाराष्ट्र में भी उम्मीद
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार को जनता को राहत देते हुए पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट की दरों को कम करने की घोषणा की। आंध्र प्रदेश सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर वैट में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की है। आंध्र सरकार अबतक 4 रुपए प्रति लीटर वैट के रूप में लिया करती थी। सरकार को इस फैसले के कारण राजस्व में लगभग 1120 करोड़ रुपए का घाटा होगा। आने वाले समय में महाराष्ट्र में भी वैट में कमी की जा सकती है।

 

 

Created On :   11 Sept 2018 11:08 AM IST

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