मनी लॉन्ड्रिंग केस : रॉबर्ट वाड्रा से दूसरे दिन 10 घंटे पूछताछ, शनिवार को फिर ED ने बुलाया

मनी लॉन्ड्रिंग केस : रॉबर्ट वाड्रा से दूसरे दिन 10 घंटे पूछताछ, शनिवार को फिर ED ने बुलाया
हाईलाइट
  • बुधवार को पूछताछ के दौरान रॉबर्ट से किए गए थे 36 सवाल
  • मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रॉबर्ट वाड्रा से आज फिर होगी पूछताछ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 19 लाख पाउंड के मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रॉबर्ट वाड्रा से गुरुवार को भी लम्बी पूछताछ की। लगातार दूसरे दिन हुई यह पूछताछ करीब 10 घंटे चली। पूछताछ के बाद वाड्रा अपनी पत्नी प्रियंका के साथ ईडी के दफ्तर से निकल गए। आगे भी पूछताछ का दौर जारी रहेगा। ED ने शनिवार को फिर से वाड्रा को सुबह 10.30 बजे बुलाया है। 

इससे पहले बुधवार को रॉबर्ट वाड्रा ED के सामने पेश हुए थे। वाड्रा से करीब 6 घंटे तक पूछताछ की गई थी। दोपहर 3.40 पर रॉबर्ट वाड्रा ED दफ्तर पहुंचे थे, रात 9.40 पर बाहर निकले। इन 6 घंटों में ED की टीम ने 5 घंटे तक वाड्रा से सवाल-जवाब किए और इसके बाद एक घंटे तक उन्हें दफ्तर में ही बैठाए रखा। इस दौरान ED की टीम ने वाड्रा से 36 सवाल पूछे थे।

बता दें कि रॉबर्ट वाड्रा से लंदन में उनकी संपत्ति, मनोज अरोड़ा, संजय भंडारी से जुड़े सवाल पूछे गए। इनके जवाब में वाड्रा ने लंदन में किसी भी तरह की संपत्ति होने से इनकार किया। उन्होंने यह भी कहा कि उनका संजय भंडारी से कोई लेना-देना नहीं है। भंडारी सिंटेक इंटरनेशन के मालिक हैं और वाड्रा की इनसे दोस्ती रही है। रॉबर्ट वाड्रा से ED के 3 सीनियर अफसरों ने सवाल-जवाब किया, इनमें डिप्टी डायरेक्टर और असिस्टेंट डायरेक्टर लेवल के अधिकारी शामिल हैं। इन सवालों के अलावा रॉबर्ट वाड्रा से लंदन में सभी ट्रांजैक्शन, खरीदारी के बारे में सवाल किए गए। 

ममता बनर्जी का मिला साथ
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रॉबर्ट वाड्रा के पक्ष बयान दिया है। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि भाजपा आम चुनाव से पहले जान-बूझ कर ऐसा कर रही है। ताकि वह चुनाव में लोगों को गुमराह कर सके। ममता ने कहा कि भाजपा इस तरह अचानक हर किसी को नोटिस भेजने का हथकंडा अपनाकर विपक्षी को डराने में कामयाब नहीं हो पाएगी। ममता ने इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग से करने की बात कही है।

यह है मामला
मनी लॉन्ड्रिंग का यह केस 19 लाख पाउंड (करीब 17 करोड़ रुपये) की लंदन स्थित एक प्रॉपर्टी की खरीदारी से जुड़ा हुआ है। लंदन के 12, ब्रायनस्टन स्क्वेयर में यह प्रॉपर्टी स्थित है। ED के अनुसार, इस प्रॉपर्टी को सबसे पहले संजय भंडारी ने 19 लाख पाउंड में खरीदा था। इसके रिनोवेशन पर 65,900 पाउंड खर्च करने के बाद इसे  2010 में फिर से 19 लाख पाउंड में ही बेच दिया गया। इस बार खरीददार रॉबर्ट वाड्रा थे। ED का दावा है कि भंडारी कभी भी प्रापर्टी का वास्तविक मालिक नहीं था, वास्तविक मालिक पहले भी वाड्रा ही थे। भंडारी को बीच में बस फायदे के लिए इस्तेमाल किया गया था। ED ने यह भी आरोप है कि वाड्रा के स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के कर्मचारी अरोड़ा की भी इस सौदे में महत्वपूर्ण भूमिका थी। ED का कहना है कि अरोड़ा ने इस सौदे के लिए पैसों की व्यवस्था की थी।

Created On :   7 Feb 2019 2:37 AM GMT

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