यूपी के जिलों के लिए और अधिक मानव तस्करी रोधी इकाइयां

More anti-trafficking units for UP districts
यूपी के जिलों के लिए और अधिक मानव तस्करी रोधी इकाइयां
यूपी के जिलों के लिए और अधिक मानव तस्करी रोधी इकाइयां
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लखनऊ, 2 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में मानव तस्करी रोधी इकाइयों (एएचटीयू) को पुलिस स्टेशनों के रूप में अधिसूचित किया है।

राज्य में 35 जिलों में एएचटीयू हैं, जिनमें गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ और लखनऊ शामिल हैं।

पिछले महीने, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने शेष 40 जिलों में एएचटीयू स्थापित करने का आदेश जारी किया था।

इन सभी इकाइयों को अलग-अलग पुलिस स्टेशनों के रूप में विकसित किया जाएगा जो बच्चों और अन्य व्यक्तियों के बचाव और पुनर्वास की सुविधा प्रदान करेगा।

लखनऊ के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में, पुलिस और चाइल्डलाइन रेस्क्यू के लोगों को अधिकार क्षेत्र के मुद्दों में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी, दो पुलिस स्टेशन क्षेत्राधिकार को लेकर एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी करते हैं तो उन मामलों को एएचटीयू में एफआईआर दर्ज करने में सक्षम होगा जो प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाएंगे।

उन्होंने कहा, इससे प्रक्रिया में आसानी होगी और टीम पीड़ितों की अच्छे से मदद कर सकेगी। अधिकांश जिलों में एएचटीयू में एक इंस्पेक्टर और दो सब-इंस्पेक्टर सहित आठ लोग हैं। हम आशा करते हैं कि टीम का आकार बढ़ेगा और नई पहल के बाद बुनियादी ढांचे को बढ़ाया जाएगा।

सरकार ने प्रत्येक मौजूदा एएचटीयू के लिए 12 लाख रुपये और राज्य में नई इकाइयों को स्थापित करने के लिए 15 लाख रुपये की मंजूरी दी है।

गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि मनुष्य की तस्करी एक ऐसा अपराध है जो मानव को एक शोषणकारी स्थिति में डाल देता है जिसका उद्देश्य मुनाफा कमाना है। इस तरह के शोषण के कई रूप हो सकते हैं, उदाहरण के लिए वाणिज्यिक, यौन शोषण, बाल श्रम, जबरन श्रम, बंधुआ मजदूरी, आदि।

वीएवी-एसकेपी

Created On :   2 Nov 2020 1:30 PM IST

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