मप्र : भाजपा ने उम्मीदवारों की सूची के जरिए दिया संतुलन का संदेश
- मप्र : भाजपा ने उम्मीदवारों की सूची के जरिए दिया संतुलन का संदेश
भोपाल, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव के लिए भाजपा ने उम्मीदवारों की सूची जीरी कर संतुलन का संदेश दिया है। एक तरफ जहां 25 पूर्व विधायकों को उम्मीदवार बनाया गया है तो तीन स्थानों पर संगठन से जुड़े लोगों को जगह दी गई है।
राज्य में भाजपा की सरकार पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ 22 तत्कालीन विधायकों द्वारा इस्तीफा देने से बनी थी। उसके बाद तीन और तत्कालीन विधायकों ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। इस तरह कांग्रेस से भाजपा में आने वाले पूर्व विधायकों की कुल संख्या 25 हो गई।
भाजपा ने सभी 28 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में 25 उम्मीदवार वही हैं, जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे, वहीं पार्टी ने तीन अन्य उम्मीदवारों के जरिए संतुलन का संदेश दिया है़, इनमें सबसे महत्वपूर्ण मुरैना जिले की जौरा विधानसभा सीट है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मुरैना से बनवारी लाल शर्मा के परिजनों को टिकट देने के पक्ष में थे। बनवारी लाल शर्मा की गिनती सिंधिया के करीबी में होती रही है और वे कांग्रेस के विधायक थे मगर उनका निधन होने से स्थान रिक्त है। पार्टी ने यहां से सूबेदार सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
इसी तरह ब्यावरा में नारायण सिंह पवार को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है, स्थानीय कुछ लोग पवार का विरोध कर रहे थे मगर संगठन ने उस विरोध को दरकिनार कर दिया, वहीं आगर से पूर्व सांसद और तत्कालीन विधायक मनोहर ऊंटवाल के बेटे मनोज ऊंटवाल को उम्मीदवार बनाया गया है, यह सीट मनोहर ऊंटवाल के निधन से खाली हुई है।
भाजपा के एक नेता का कहना है कि पार्टी ने जहां कांग्रेस छोड़कर आए पूर्व विधायकों को उम्मीदवार बनाने का वादा किया था, उन नेताओं ने त्याग किया है, इसलिए पार्टी ने सभी 25 पूर्व विधायकों को उम्मीदवार बनाकर अपना वादा निभाया है। वहीं पार्टी के तीन निष्ठावान कार्यकर्ताओं का ध्यान रखकर उनको उम्मीदवार बनाया गया है।
राजनीतिक विश्लेषक भारत शर्मा का कहना है कि भाजपा ने भले ही अपना वादा निभाया हो, मगर इससे पार्टी में असंतोष तो पनपा ही है। वहीं तीन उन नेताओं को उम्मीदवार बनाया है जो पुराने और समर्पित कार्यकर्ता हैं। इस तरह पार्टी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि उनके लिए समर्पित कार्यकर्ताओं की अहमियत कम नहीं हुई है।
एसएनपी-एसकेपी
Created On :   7 Oct 2020 1:00 PM IST