मप्र : मंत्रियों के विभाग वितरण का अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व के जिम्मे

MP: Final decision of distribution of portfolios of ministers to the central leadership
मप्र : मंत्रियों के विभाग वितरण का अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व के जिम्मे
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भोपाल, 7 जुलाई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बनी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है, लेकिन विभाग वितरण पर पेंच फंस गया है। अब अंतिम फैसला लेने की जिम्मेदारी केंद्रीय नेतृत्व पर छोड़ दी गई है।

राज्य में पांच दिन पहले शिवराज सिंह चौहान सरकार के दूसरे मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार हो चुका है। मंत्रियों में विभागों के वितरण की कवायद जारी है। मुख्यमंत्री चौहान ने दो दिन तक दिल्ली में तमाम बड़े नेताओं से मुलाकात कीं और मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे पर भी चर्चा कीं।

राज्य में भाजपा की सरकार बनाने में मदद करने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए 14 लोगों को मंत्री बनाया गया है। इनमें 11 सिंधिया के करीबी हैं। सूत्रों का कहना है कि सिंधिया ने राज्य मंत्रियों को स्वतंत्र प्रभार देने की बात कही है व साथ ही अपने करीबियों को महत्वपूर्ण विभाग देने का प्रस्ताव भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के सामने रखा है।

सूत्रों का कहना है कि पार्टी अगर सिंधिया के राज्य मंत्रियों को स्वतंत्र प्रभार दिए जाने की बात से सहमत हो जाती है तो किसी भी मंत्री के हिस्से में दो विभाग नहीं आएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य में प्रमुख विभागों की संख्या 34 है।

मंत्रियों के बीच विभाग वितरण को लेकर चल रही भोपाल से दिल्ली तक की दौड़ के बीच प्रदेश प्रभारी डॉ विनय सहस्रबुद्धे और पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंधिया के बीच सोमवार की रात को चर्चा हुई है। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच आगामी समय में होने वाले 24 विधानसभा उपचुनाव की रणनीति के साथ विभाग वितरण पर भी चर्चा हुई है।

डॉ विनय सहस्रबुद्धे का कहना है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ राज्य में आगामी समय में होने वाले विधानसभा के उपचुनाव और राजनीतिक मसले पर चर्चा हुई है। सिंधिया की सहस्रबुद्धे के आवास पर यह चर्चा हुई है।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री चौहान ने मंत्रियों को संभावित विभाग दिए जाने से संबंधित सूची भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपी हैं। इस सूची पर पार्टी अध्यक्ष नड्डा और महामंत्री (संगठन) बी. एल. संतोष के बीच चर्चा होगी और उसके बाद ही अंतिम निर्णय संभावित है। मंगलवार की देर शाम तक विभाग वितरण की संभावना है।

सूत्रों का कहना है कि सिंधिया की ओर से ग्रामीण विकास, पंचायत, महिला बाल विकास, सिंचाई, गृह, परिवहन, जनसंपर्क, खाद्य आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण विभागों को मांगा गया है। साथ ही सुझाव दिया है कि राज्य मंत्रियों को स्वतंत्र प्रभार दिए जाए। सिंधिया के इन सुझावों पर पार्टी विचार कर रही है।

ज्ञात हो कि राज्य में 22 तत्कालीन कांग्रेस विधायकों के पार्टी छोड़ने के कारण भाजपा की सरकार बनी है। सरकार के गठन में इन सदस्यों को पार्टी ने महत्व दिया और 14 लोगों को मंत्री बनाया गया है। अब विभाग वितरण को लेकर मंथन जारी है। संभावना जताई जा रही है कि विभाग का वितरण जल्दी ही कर लिया जाएगा, साथ ही समन्वय बनते भी नजर आए यह कोशिश है संगठन की।

Created On :   7 July 2020 12:30 PM IST

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