मप्र : कई कांग्रेस नेता अनुशासन को कर रहे तार-तार

MP: Many Congress leaders are wiring discipline
मप्र : कई कांग्रेस नेता अनुशासन को कर रहे तार-तार
मप्र : कई कांग्रेस नेता अनुशासन को कर रहे तार-तार
हाईलाइट
  • मप्र : कई कांग्रेस नेता अनुशासन को कर रहे तार-तार

भोपाल, 25 फरवरी (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के कई नेता अनुशासन को तार-तार करने में लगे हैं। नेताओं के पार्टी की रीति-नीति से हटकर बयान देने का दौर जारी है। उन पर कोई लगाम नहीं कस पा रहा है। इतना ही नहीं, इन बयानवीरों को अनुशासनात्मक कार्रवाई तक का डर नहीं है।

राज्य में कांग्रेस को सत्ता में आए एक साल से ज्यादा वक्त गुजर गया है। पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष से लेकर मंडल-निगमों में नियुक्ति के लिए जोर आजमाइश का दौर जारी है। नए प्रदेशाध्यक्ष को लेकर कई नामों की चर्चा है और तमाम गुटों से नाता रखने वाले नेताओं के समर्थक चाहते हैं कि उनका नेता इस कुर्सी को हासिल करे। वहीं दूसरी ओर निगम-मंडल में जगह पाने के लिए भी एड़ी चोटी का जोर लगाया जा रहा है।

पिछले दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वचनपत्र (घोषणापत्र) के वादे पूरे न होने पर सड़क पर उतरने की बात कही थी। इसके बाद मुख्यमंत्री कमल नाथ की ओर से भी जवाब आया और उन्होंने कहा कि जिसे सड़क पर उतरना है, उतर जाएं। इन दोनों बयानों पर सियासत खूब गर्माई थी। कार्यकर्ताओं ने इस पर अपनी ही तरह से प्रतिक्रिया जाहिर की।

सिंधिया समर्थक और ग्वालियर-चंबल से नाता रखने वाली महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव रुचि ठाकुर ने कांग्रेस में पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की उपेक्षा का आरोप लगा डाला और कहा, सिंधिया की कड़ी मेहनत से ही राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी। मैं महाराज से अनुरोध करना चाहती हूं कि बड़े महाराज माधव राव सिंधिया की पार्टी जिसका चुनाव चिन्ह उगता सूरज है, उसे पुन: जीवित करें। हम सब आपके साथ हैं।

इसी तरह शिवपुरी के शहर कांग्रेस अध्यक्ष शैलेंद्र टेडिया ने भी सिंधिया के समर्थन में पोस्टर लगा डाले और मुख्यमंत्री कमल नाथ पर हमला बोला। इस पोस्टर में वह तस्वीर लगाई गई, जो कमल नाथ को राज्य का मुख्यमंत्री बनाए जाने से पहले राहुल गांधी ने कमल नाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ साझा की थी।

इस पोस्टर में लिखा गया, मुख्यमंत्री इस छायाचित्र की मर्यादा को भूल गए हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया से जो कहा गया है, उस पर पुन: विचार करना चाहिए। लोकतंत्र में अपनी बात रखने पर पार्टी मजबूत होती है। एक पद पर एक ही व्यक्ति का फार्मूला क्यों याद नहीं आ रहा मध्य प्रदेश सरकार को।

इतना ही नहीं, राज्य के कद्दावर मंत्री सज्जन वर्मा ने तो प्रदेश में अफसरों का दबदबा होने की बात कह डाली। उनका कहना है कि मंत्रियों की तरह सरकार में अधिकारियों की भी कैबिनेट है, जो अफसरों की पोस्टिंग कराती है।

कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करती आ रही है, मगर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और विधायक लक्ष्मण सिंह ने इसका खुले-तौर पर समर्थन किया है और कहा है कि बहुमत हमारे पास नहीं है, इसलिए इस कानून को मान लेना चाहिए।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, बयानबाजी करने वालों पर कार्रवाई सिर्फ इसलिए नहीं हो पाती, क्योंकि इन नेताओं का किसी न किसी बड़े नेता से नाता होता है। इसी का लाभ अन्य नेता उठाते हैं। सवाल है कि राज्य सरकार के मंत्री सज्जन वर्मा और विधायक लक्ष्मण सिंह पर कौन कार्रवाई करेगा, क्योंकि जो कार्रवाई की बात करेगा, वही मुश्किल में पड़ जाएगा।

Created On :   25 Feb 2020 5:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story