शादीशुदा 'मुलायम' का दूसरा प्यार 'साधना', अस्पताल से शुरू हुई 'लव-स्टोरी'

Mulayam singh yadav sadhna gupta marriage after 20 year love story
शादीशुदा 'मुलायम' का दूसरा प्यार 'साधना', अस्पताल से शुरू हुई 'लव-स्टोरी'
शादीशुदा 'मुलायम' का दूसरा प्यार 'साधना', अस्पताल से शुरू हुई 'लव-स्टोरी'

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। भारतीय राजनीति में धरती पुत्र कहे जाने वाले समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव 21 नवंबर को 78 वर्ष के हो गए हैं। मुलायम सिंह यादव का जन्म इटावा जिला के ग्राम सैफई में हुआ था। भले ही मुलायम भारतीय राजनीति में अपना एक अलग ही दबदबा रखते हों, मगर आज हम उनका एक अगल ही पहलू आपको बताने जा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं राजनीति से हटके मुलायम के दूसरे प्यार और लव स्टोरी की...

 

अस्पताल के वार्ड में हुई थी मुलाकात

मुलायम सिंह का दूसरा प्यार साधना गुप्ता यूपी की राजनीति में एक चर्चित चेहरा है। साधना गुप्ता एक अस्पताल में नर्स थी और मुलायम से उनकी मोहब्बत भी अस्पताल के एक जनरल वार्ड से ही शुरू हुई थी। पहली पत्नी मालती यादव के निधन के बाद मुलायम और साधना के बीच प्यार की यह कश्ती 20 वर्षों तक गोते खाती रही। इसके बाद अमर सिंह ने प्यार के इस छिपे रिश्ते को कबूल करने के लिए मुलायम सिंह को समझाया। तब कहीं जाकर समाजवादी नेता ने 20 साल की इस मोहब्बत को पत्नी का दर्जा दिया।

 

साधना ने ऐसे जीता मुलायम का दिल

मुलायम की मां मूर्ती देवी अक्सर बीमार रहती थीं। साधना गुप्ता ने लखनऊ के एक नर्सिंग होम और इसके बाद में सैफई मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मूर्ति देवी की देखभाल की थी। एक बार मेडिकल कॉलेज में एक नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी। उस समय वहां मौजूद साधना ने नर्स को रोक दिया था। उस वक्त साधना की वजह से मुलायम की मां मूर्ति देवी की जान बची गई थी। इस बात से मुलायम काफी प्रभावित हुए थे। यही से दोनों एक-दूसरे के नजदीक आए थे।

 

प्रतीक के पिता नहीं हैं मुलायम सिंह

साधना गुप्ता की पहली शादी 4 जुलाई 1986 में फर्रुखाबाद के चंद्रप्रकाश गुप्ता से हुई थी। शादी के बाद 7 जुलाई 1987 में प्रतीक यादव का जन्म हुआ। प्रतीक के जन्म के दो साल बाद साधना और चंद्रप्रकाश अलग हो गए थे। इसके बाद साधना गुप्ता सपा के तत्कालीन सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आईं। बता दें कि 1994 में प्रतीक यादव के स्कूल फॉर्म में पिता के नाम पर एमएस यादव और पते की जगह मुलायम सिंह यादव के ऑफिस का एड्रेस दिया हुआ था। यह भी कहा जाता है कि साल 2000 में प्रतीक के अभिभावक के रूप में मुलायम का नाम दर्ज हुआ था।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सौतेली मां साधना गुप्ता और मुलायम सिंह यादव की मोहब्बत एक अस्पताल के जनरल वार्ड से शुरू हुई थी। एक सियासी दिग्गज और एक नर्स के बीच मोहब्बत की कहानी में तमाम हिचकोले भी आए, लेकिन प्रेम की अमरबेल परवान चढ़ती गई।

 

आखिर धरती पुत्र क्यों हैं मुलायम?

"धरती पुत्र" उपनाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव देश की राजनीति में अपनी एक अलग ही पहचान रखते हैं। मुलायम वो नेता हैं, जिन्होंने अपने बूते फर्श से अर्श तक का शानदार सफर तय किया है। मुलायम सिंह यादव का जन्म एक किसान परिवार में हुआ। उनके पिता स्व. सुघर सिंह यादव अत्यन्त सरल हृदय किन्तु कर्मठ किसान थे। मुलायम सिंह जमीन से जुड़े हुए कद्दावर नेता कहे जाते हैं।

 

मुलायम का परिवार

मुलायम ने आगरा विश्वविद्यालय से एमए, बीटी की डिग्री ली। वह जैन इन्टर कालेज करहल मैनपुरी में प्रवक्ता भी रहे। उनका विवाह वर्ष 1957 में सामन्तश्री से हुआ, जिनके पुत्र अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम हैं। मुलायम की दूसरी शादी साधना गुप्ता से हुई। साधना गुप्ता के बेटे का नाम प्रतीक यादव है, प्रतीक फिलहाल राजनीति से दूर हैं। अब साधना चाहती हैं कि वह भी राजनीति में आएं। प्रतीक फिलहाल बॉडी बिल्‍डिंग के साथ ही लखनऊ में एक हाईप्रोफाइल जिम चलाते हैं।

 

राजनीतिक सफर

14 साल की उम्र में ही मुलायम के राजनीतिक तेवर उस वक्‍त देखने को मिले, जब उन्होंने राम मनोहर लोहिया के आह्वान पर "नहर रेट आंदोलन" में भाग लिया और पहली बार जेल गए। 28 साल की उम्र में 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहली बार जसवंत नगर क्षेत्र से विधानसभा सदस्य चुने गए। इसके बाद तो वे 1974, 77, 1985, 89, 1991, 93, 96 और 2004 और 2007 में विधायक बने। मुलायम सिंह जसवंत नगर और फिर इटावा की सहकारी बैंक के निदेशक भी रह चुके हैं। मुलायम सोशलिस्ट पार्टी और फिर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से विधायक का चुनाव लड़े और एक बार जीते भी। मुलायम सिंह और उनके बेटे अखिलेश यादव दोनों यूपी के सीएम रह चुके हैं।

Created On :   21 Nov 2017 6:56 PM GMT

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