अब हत्या होने पर भी कंपनियों को देना होगा इंश्योरेंस क्लेम: NCDRC
- NCDRC ने बीमा कंपनियों को चार सप्ताह के भीतर मुआवजे का भुगतान करने के लिए कहा है।
- नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स कमीशन ने महाराष्ट्र के फैसले को रखा बरकरार
- हत्या को एक्सीडेंटल डेथ करार दिया जाए- NCDRC
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक्सीडेंटल डेथ के लिए इंश्योरेंस कराने वाले किसी व्यक्ति की हत्या हो जाने पर इश्योरेंस कंपनी उसके परिवार को क्लेम देने से इंकार नहीं कर सकती है। यह फैसला नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स कमीशन (NCDRC) ने दिया है। कमीशन ने साल 2009 में हुई हत्या के एक मामले में महाराष्ट्र स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन के फैसले को बरकरार रखा। NCDRC ने बीमा कंपनियों को अपनी नीति में संशोधन करने के लिए कहा है।
इंश्योरेंस कंपनी को दिए भुगतान के आदेश
NCDRC ने एक महाराष्ट्र के एक मामले में बीमा कंपनी रॉयल सुंदरम को आदेश दिया था कि वह पवन मुचंदानी को 20 लाख रुपए की बीमित राशि का भुगतान करे, जिनके पिता की हत्या हो गई थी। NCDRC ने फर्म को निर्देश दिया है कि वह क्लेम से ऊपर अतिरिक्त दो लाख रुपए की क्षतिपूर्ति पीड़ित परिवार को दे क्योंकि बीमा कंपनी की अप्रोच "अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस" वाली थी। कमीशन ने बीमा कंपनी को चार हफ्तों के अंदर ही सबंधित परिवार को क्षतिपूर्ति देने का निर्देश दिया है।
टर्म्स एंड कंडीशन किया जाए संसोधन
NCDRC ने कंपनी को चार सप्ताह के भीतर मुआवजे का भुगतान करने के लिए कहा है। एसएम कांतिकर और दिनेश सिंह की बेंच ने बीमा कंपनी से यह भी कहा कि वह अपने टर्म्स एंड कंडीशन में संशोधन करे और हत्या के मामले में अपनी स्थिति को साफ करे, ताकि बीमा पॉलिसी खरीदते वक्त उपभोक्ता उसे आसानी से समझ सके। कमीशन ने कहा, बीमा कंपनी की नीति में हत्या और दुर्घटना में मौत और दावे की बात स्पष्ट होनी चाहिए। रॉयल सुंदरम कंपनी ने महाराष्ट्र की कंज्यूमर बॉडी के फैसले के खिलाफ अपील की थी, जिस पर NCDRC ने फैसला दिया। कमीशन ने कहा कि बीमा पॉलिसी में हत्या की बात को विशेष रूप से अलग नहीं किया गया था।
Created On :   28 Sept 2018 12:26 PM IST