Special: लॉकडाउन में भी एनडीडीबी ने हर घर में दूध की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, 9 मई (आईएएनएस)। यहां तक कि अमेरिका और यूरोप के कुछ हिस्सों में जब कई टन ताजा दूध फेंका जा रहा है, तब भारत में विशाल सहकारी नेटवर्क देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान भी देश के साथ-साथ लाखों डेयरी किसानों को भी संभाले हुए है। दुग्ध सहकारी समितियों जैसे मदर डेयरी, अमूल, नंदिनी, पराग और कई अन्य ने किसानों से अतिरिक्त दूध खरीदा, वहीं देश के सैकड़ों मिल्क प्लांट अतिरिक्त दूध की आपूर्ति का उपयोग करने के लिए स्किम्ड मिल्क पाउडर बना रहे हैं।
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के अध्यक्ष दिलीप रथ ने कहा, 135 करोड लोगों की आबादी वाले देश में, हमने हर घर में दूध की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की है और लॉकडाउन के दौरान हमने लाखों डेयरी किसानों के हितों की भी रक्षा की है। देशव्यापी लॉकडाउन ने लोगों की क्रय शक्ति को प्रभावित किया क्योंकि इस दौरान वाणिज्यिक संस्थान, बाजार और कारखाने बंद हो गए हैं। नतीजतन डेयरी वस्तुओं की खपत और बिक्री में एक बड़ी सेंध लग गई।
लेकिन इन बाधाओं के बावजूद, भारत में सहकारी मॉडल ने दूध उत्पादकों की रक्षा की। अमेरिका में, अपंग आपूर्ति श्रृंखलाओं ने डेयरी किसानों को अपना दूध फेंकने के लिए मजबूर किया है। इसी तरह की स्थिति यूरोप के कुछ हिस्सों में देखी गई जहां ताजा दूध बर्बाद करना पड़ रहा है।रथ ने कहा, लेकिन हमने बिक्री में गिरावट के बावजूद आपूर्ति को हतोत्साहित नहीं किया। हमने किसानों से दूध खरीदना जारी रखा जिसके परिणामस्वरूप जो अतिरिक्त दूध मिला उसे हमने स्किम्ड मिल्क पाउडर के उत्पादन में इस्तेमाल किया।
भारत ने लॉकडाउन के दौरान केवल डेढ़ महीने में स्किम्ड मिल्क पाउडर का उत्पादन दोगुना कर दिया। एनडीडीबी के आंकड़ों से पता चलता है कि 15 मार्च को दूध पाउडर का स्टॉक 70,000 मीट्रिक टन था, जो कि 30 अप्रैल तक बढ़कर 1.34 लाख मीट्रिक टन हो गया, जो कि मार्च के स्टॉक से लगभग दोगुना था। लॉकडाउन के दौरान दूध पाउडर का दैनिक उत्पादन 1500 मीट्रिक टन है। देश में सभी दूध पाउडर संयंत्र अपनी क्षमता के 92 से 100 प्रतिशत पर चल रहे हैं। दिलीप रथ के अनुसार, स्किम्ड मिल्क पाउडर का बड़े पैमाने पर भंडारण बाद में निर्यात के लिए या घरेलू खपत के लिए किया जा सकता है।
दिलीप रथ जो कि एक पूर्व आईएएस अधिकारी हैं और 2016 में इसके प्रमुख बनने से पहले एनडीडीबी के प्रबंध निदेशक थे। उन्होंने कहा, जैसा कि रेस्तरां, रिटेल स्टोर, स्ट्रीट वेंडर और आइसक्रीम पार्लर बंद थे, आइसक्रीम की बिक्री लगभग 50 फीसदी कम हो गई थी। अन्य डेयरी उत्पादों की बिक्री में भी गिरावट आई थी। लेकिन अब बाजार धीरे-धीरे खुल रहा है (हरे और नारंगी जोन में) लोग पनीर, मक्खन और अन्य डेयरी उत्पाद खरीद रहे हैं।
भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। कोरोना महामारी के मद्देनजर 25 मार्च 2020 को किए गए देशव्यापी लॉकडाउन से शुरूआत में बाधित परिवहन सेवाओं के कारण हमारे डेयरी उद्योग पर भी प्रभाव पड़ा था। हालांकि सहकारी समितियों की सक्रियता और बेहतरीन प्रबंधन से देश जल्द ही इस समस्या से उबर गया।
Created On :   9 May 2020 1:00 PM IST