पड़ोसी पहले नीति लापरवाही के कारण बेपटरी हुई : कांग्रेस
- पड़ोसी पहले नीति लापरवाही के कारण बेपटरी हुई : कांग्रेस
नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)। पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर निशाना साधते हुए कहा है कि बयानबाजी और ट्वीट्स से जमीनी हकीकत नहीं बदलते। विदेश नीति मेंगहराई होनी चाहिए। रणनीतिक साझेदारों के साथ संबंध गंभीरता की मांग करती है और इसे इवेंट मैनेजमेंट से संभाला नहीं जा सकता।
आनंद शर्मा ने एक बयान में कहा, एक दिशाहीन विदेश नीति का विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर द्वारा बचाव किया जाना अच्छा लगा। पड़ोसी प्रथम भारत की विदेश नीति की प्राथमिकता हुआ करती थी, लेकिन दुख है कि लापरवाही भरे रवैये के कारण यह पटरी से उतर गई।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार अपना पीठ थपथपा सकती है, लेकिन इतिहास आपको परिणामों के आधार पर परखेगा।
कांग्रेस की तरफ से यह हमला विदेश मंत्री द्वारा विदेश नीति के प्रमुख मुद्दों पर राहुल गांधी की बातों का खंडन किए जाने के बाद आया है। राहुल ने शुक्रवार को एक वीडियो में विदेशी नीति पर सवाल उठाए थे।
राहुल गांधी को जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा था, राहुल गांधी ने विदेश नीति पर सवाल उठाए हैं। यहां कुछ जवाब हैं। हमारी प्रमुख साझेदारी और मजबूत हुई है और अंतर्राष्ट्रीय कद बढ़ा है। अमेरिका, रूस, यूरोप, जापान के साथ लगातार शिखर बैठकें और अनौपचारिक बैठकें हो रही हैं। भारत चीन के साथ अधिक समान शर्तो और राजनीतिक रूप आदान-प्रदान कर रहा है। विश्लेषकों से पूछ लीजिए।
लेकिन आनंद शर्मा ने यह जानना चाहा कि भारत के संबंध पड़ोसियों के साथ क्यों गिरावट पर हैं। उन्होंने कहा, भारत और नेपाल के बीच संबंध ऐतिहासिक रूप से विश्वास, मित्रता और आपसी सम्मान पर टिका रहा है। मौजूदा तकरार और तनाव एक राष्ट्रीय चिंता की बात है। विदेश मंत्री के पास नकारने का विकल्प नहीं है, बल्कि विफलताओं के लिए उन्हें जवाब देना चाहिए।
शर्मा ने मुंबई आतंकी हमले का जिक्र करने के लिए भी जयशंकर पर हमला बोला और कहा कि यह बिल्कुल गलत है।
उन्होंने कहा, भारत के राजदूत और वरिष्ठ राजनयिक के रूप में वह भारत के रुख को रख रहे थे, राजनीतिक लाभ के लिए वह आलोचना कर रहे है। भारत का जवाब जोरदार था और अंतर्राष्ट्रीय समर्थन् से पाकिस्तान बेनकाब और अलग-थलग हो गया था।
शर्मा ने कहा कि पक्षपातपूर्ण प्रोपागंडा के लिए बालाकोट, उरी और भारतीय सेना के हरेक बहादुरी भरी कार्रवाइयों का इस्तेमाल क्यों? उनपर हरेक भारतीय को गर्व है।
शर्मा ने कहा, क्या मुझे याद दिलाना होगा कि भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना मई 2014 के पहले से हैं और उनकी बहादुरी व जांबाजी को दुनिया भर में सम्मान मिला है। सेना राष्ट्र की होती है और तिरंगे के अधीन लड़ती है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि रक्षा बलों का राजनीतिकरण मत कीजिए। राष्ट्रहित में सलाह दे रहा हूं। हमारे रक्षा बलों का राजनीतिकरण मत कीजिए।
Created On :   19 July 2020 8:00 PM IST