एनआईए कोर्ट ने आईएसआईएस उमर अल हिंदी मॉड्यूल मामले में 9वें आरोपी को 7 साल की सजा सुनाई
- मंसूबों को आगे बढ़ाना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एर्नाकुलम में स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार को आईएसआईएस उमर अल हिंदी मॉड्यूल मामले में मुहम्मद पोलाकन्नी को सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। मामला 2016 की शुरूआत में दक्षिण भारत के कुछ युवकों द्वारा वैश्विक आतंकवादी समूह आईएसआईएस से प्रेरित आतंकवादी मॉड्यूल अंसारुल खिलाफा-केएलके गठन से संबंधित है। समूह का मकसद आईएसआईएस के मंसूबों को आगे बढ़ाना था।
आरोपी को भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया था।
एनआईए ने 10 अक्टूबर, 2016 को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था। एनआईए ने कहा कि कन्नूर जिले के कनकमाला के आरोपी केरल और तमिलनाडु में आतंकवादी हमले करने के लिए इकट्ठा हुए थे, उनका मकसद न्यायाधीशों, पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं सहित प्रमुख व्यक्तियों और उन पर्यटन स्थलों को निशाना बनाना था, जहां विशेष रूप से यहूदी इकट्ठा होते हैं।
एनआईए ने कहा- जांच से पता चला है कि विदेश में रहते हुए पोलाकन्नी आईएसआईएस से प्रेरित आतंकवादी मॉड्यूल का सदस्य बन गया था और दक्षिण भारत में आतंकवादी हमले करने के लिए सोशल मीडिया पर सक्रिय रूप से साजिश रच रहा था। उसने आईएसआईएस में शामिल होने की योजना बनाई थी, जिसे सीरिया में दाएश या इस्लामिक स्टेट के रूप में भी जाना जाता है। इसके लिए उसने वर्ष 2018 की शुरूआत में सऊदी अरब से जॉर्जिया की यात्रा की थी। उसने सीरिया पहुंचने और आईएसआईएस में शामिल होने के लिए जॉर्जिया-तुर्की सीमा पार करने की योजना बनाई थी।
पोलाकन्नी को 18 सितंबर, 2020 को जॉर्जिया से लौटने पर दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। मंगलवार को उसकी सजा के साथ ही इस मामले में कुल नौ आरोपियों को दोषी करार दिया गया है।
आईएएनएस
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Created On :   11 Jan 2023 12:00 AM IST