ED जांच में खुलासा, 17 शेल कंपनियों के जरिए नीरव मोदी ने की मनी लॉन्ड्रिंग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक में हुए 12600 करोड़ के घोटाले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। ये खुलासा प्रवर्तन निदशालय (ED) ने किया है। ED के मुताबिक साल 2017 में नीरव मोदी ने 17 शेल कंपनियों का इस्तेमाल कर 5921 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की है। बता दें कि पंजाब नेशनल बैंक में फर्जी लेटर ऑफ अंडरटकिंग जारी कर हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को करीब 12600 करोड़ का लोन दिया गया था। दोनों ही कारोबारी लोन चुकाए बिना देश छोड़कर जा चुके है। प्रवर्तन निदेशाल, CBI सहित अन्य जांच एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही है।
ऐसे की गई मनी लॉन्ड्रिंग
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फरवरी 2017 से मई 2017 के बीच 150 फर्ज़ी LoU के माध्यम से नीरव मोदी ने अपनी तीन कंपनियों- डायमंड आर यूएस, स्टेलर डायमंड और सोलर एक्सपोर्ट्स के नाम पर 6498 करोड़ रुपये पीएनबी से लिए। ये पैसा विदेशों में स्थित बैंकों की शाखाओं से गया था। जांच के दौरान इस बात का खुलासा हुआ है कि नीरव मोदी ने 17 शेल कंपनियों का उपयोग कर मनी लॉन्ड्रिंग की। ED को मिले दस्तावेजों में 468 करोड़ रुपये भारत में ऐक्सिस बैंक (Axis Bank) के अकाउंट में ऑरा जेम्स (Aura Gems) नाम की फर्ज़ी कंपनी से भेजा जाना पाया गया है। ये पैसा विदेशों में स्थित बैंकों की शाखाओं से जारी किया गया था। एक अधिकारी की माने तो नीरव मोदी के करीबी - कार्तिक दोशी और श्याम सुंदर वाधवा ने इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने में नीरव की मदद की थी।
इन्होंने भी की मदद
ED के दस्तावेजों के मुताबिक नीरव मोदी ने श्याम सुंदर वाधवा की मदद से साइनो ट्रेडर्ज़ और ऑरा जेम्स नाम की दो डमी कंपनियां बनाई थी। इतना ही नहीं कागजात पर हस्ताक्षर करा कर कार्तिक दोशी और दो अन्य डमी निदेशकों को सुंदर वाधवा ने पब्लिक शेयरहोल्डर बना दिया। बताया ये भी जा रहा है कि श्याम सुंदर वाधवा नीरव मोदी के संपर्क में है। बता दें कि ED ने नीरव मोदी को ढूंढने के लिए इंटरपोल से भी मदद मांगी थी।
Created On :   4 April 2018 11:26 PM IST