कोर्ट का आदेश- बगैर सहमति के महिला को कोई नहीं छू सकता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बगैर सहमति के महिला को कोई भी नहीं छू सकता है। यह बात राजधानी दिल्ली की एक कोर्ट ने कहा है। एक बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली की कोर्ट ने छवि राम नामक व्यक्ति को दोषी ठहराया है। साथ ही आरोपी को 5 साल कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जिसमें से 5 हजार रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे। अदालत ने इसके अलावा दिल्ली प्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण को भी बच्ची को 50,000 रुपये देने को कहा है।
कोर्ट ने 9 साल की एक बच्ची का यौन उत्पीड़न करने के मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि "अय्याश और यौन-विकृति" वाले पुरुषों द्वारा उनको परेशान करने का सिलसिला अब भी जारी है। जज ने कहा कि ऐसा लगता है कि महिला की निजता के अधिकार को पुरुष नहीं मानते और वे अपनी हवस को शांत करने के लिए बेबस लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने से पहले सोचते भी नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि राम एक "यौन विकृत" शख्स है जो किसी भी तरह की रियायत का हकदार नहीं है।
मामले में अतिरिक्त सत्र जस्टिस सीमा मैनी ने सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश के निवासी छवि राम को 5 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि महिला का शरीर उसका अपना होता है और उस पर सिर्फ उसी का अधिकार होता है। दूसरों को बिना उसकी इजाजत के इसे छूने की मनाही है भले ही यह किसी भी उद्देश्य के लिए क्यों न हो।
गौरतलब है कि 9 साल की बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न करने का मामला 25 सितंबर 2014 का है। इस दिन आरोपी राम नामक आरोपी युवक ने उत्तरी दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके के एक भीड़ भरे बाजार में नाबालिग को अनुचित तरीके से छुआ था। इसी मामले में उसे दोषी करार देते हुए दिल्ली की कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई है।
Created On :   21 Jan 2018 6:57 PM IST