अंबेडकर को राजनीति में घसीटने की बजाय उनके दिखाए रास्ते पर चलिए : PM
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हुए भारत बंद पर पहली बार अपनी बात कही। दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि "डॉक्टर अंबेडकर का जितना सम्मान हमारी सरकार ने किया है, उतना किसी सरकार ने नहीं किया।" उन्होंने ये भी कहा कि अंबेडकर के नाम पर राजनीति करने और उन्हें राजनीति में घसीटने की बजाय उनके दिखाए गए रास्ते पर चलना चाहिए। इससे पहले मंगलवार को कर्नाटक में एक रैली के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने SC/ST एक्ट पर दिए फैसले पर पीएम मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए थे।
अंबेडकर के नाम पर सिर्फ राजनीति हुई
दिल्ली में एक उद्घाटन कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अंबेडकर के नाम पर सिर्फ राजनीति ही गई। उन्होंने कहा कि "अटल वाजपेयी की सरकार में दिल्ली में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर से जुड़े दो बिल्डिंगों का निर्माण कराने की योजना बनाई गई थी, लेकिन बाद की सरकारों ने केवल उनके नाम पर राजनीति की। अब जाकर हम उस योजना को पूरा करने के लिए तैयार हैं।" पीएम ने अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर का जिक्र करते हुए कहा कि "जब मैंने इसका शिलान्यास किया था तो कहा था कि अप्रैल 2018 में इसका लोकार्पण करूंगा। 13 अप्रैल को उसका लोकार्पण है और 14 अप्रैल को बाबासाहेब अंबेडकर का जन्मदिन है।
We are walking on the path shown by Dr. Babasaheb Ambedkar. At the core of Dr. Ambedkar"s ideals is harmony and togetherness. Working for the poorest of the poor is our mission: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 4, 2018
अंबेडकर के रास्ते पर चलने की जरूरत
इसके आगे पीएम मोदी ने कहा कि "बाबासाहेब अंबेडकर को शायद ही किसी सरकार में इतना सम्मान मिला होगा, जितनी हमारी सरकार ने दिया है। अंबेडकर को राजनीति में घसीटने की बजाय उनके दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए। हमारी सरकार उनके दिखाए रास्ते पर चल रही है। गरीब से गरीब लोगों के लिए काम करना ही हमारी सरकार का मिशन है।" उन्होंने कहा "हम लोग आखिरी पंक्ति में बैठे हुए लोगों के लिए जीने-मरने वाले लोग हैं। महात्मा गांधी ने भी हमें यही रास्ता दिखाया है। सरकार की यही जिम्मेदारी है और सरकार इसी जिम्मेदारी को निभा रही है।"
फैसले पर रोक लगाने से SC का इनकार
SC/ST एक्ट पर दिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार ने सोमवार को रिव्यू पिटीशन दाखिल की थी, जिसपर मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एके गोयल की बेंच ने अपने पुराने फैसले पर रोक लगाने से फिलहाल मना कर दिया है। कोर्ट ने साफ कहा कि "हम SC/ST एक्ट के खिलाफ नहीं है, लेकिन निर्दोषों को सजा नहीं होनी चाहिए।" कोर्ट ने दलित संगठनों की तरफ से बुलाए गए भारत बंद में भड़की हिंसा पर भी बोलते हुए कहा था कि "सुप्रीम कोर्ट के फैसले को जो लोग विरोध कर रहे हैं, उन्होंने फैसले को ठीक तरीके से नहीं पढ़ा है।" इसके साथ ही कोर्ट ने इस मुद्दे पर सभी पक्षों से 2 दिनों के अंदर जवाब देने को कहा है।
भारत बंद के दौरान 14 की मौत
सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी एक्ट पर दिए फैसले के खिलाफ सोमवार को दलित संगठनों ने भारत बंद बुलाया था, जिससे 12 राज्यों में जमकर हिंसा और तोड़फोड़ हुई। इस दौरान देशभर में 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि मध्य प्रदेश में ही अकेले 7 लोग मारे गए। भारत बंद के दौरान 150 से ज्यादा लोगों के घायल हुए हैं, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इसके अलावा सोमवार को 100 से ज्यादा ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा है।
Created On :   4 April 2018 10:18 AM GMT