कर्नाटक चुनाव सर्वे : किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं, हंग असेंबली के आसार

No party does not seem to get a majority in Karnataka elections
कर्नाटक चुनाव सर्वे : किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं, हंग असेंबली के आसार
कर्नाटक चुनाव सर्वे : किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं, हंग असेंबली के आसार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने है। इससे पहले आए एक सर्वे में बीजेपी या कांग्रेस किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलता दिखाई नहीं दे रहा है। यहीं वजह है कि JDS इन चुनावों में किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है। टाइम्स नाउ-VMR के सर्वे में 224 सदस्यों वाली विधानसभा में इस समय सत्ता पर काबिज कांग्रेस को 91 सीटें जबकि BJP को उससे 2 सीटें कम यानी 89 सीटें मिल सकती हैं। खास बात यह है कि JDS को 40 सीटें मिल सकती हैं।

लिंगायत का दाव फेल
लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने का कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का दांव वोटों में तब्दील होता नहीं दिख रहा है। टाइम्स नाउ-वीएमआर का 4 अप्रैल और 16 अप्रैल के बीच किये गये सर्वे के मुताबिक अगर आज चुनाव होते हैं तो न मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और न ही येदियुरप्पा सरकार बनाने की स्थिति में होंगे क्योंकि दोनों ही 112 के आंकड़े को छूते दिखाई नहीं दे रहे है।

मध्य कर्नाटक में बीजेपी को फायदा
2013 के विधानसभा चुनावों में BJP को मध्य कर्नाटक में 4 सीटें मिली थीं। लेकिन इस बार बीजेपी की झोली में यहां पर 35 में से 22 सीटें मिल सकती हैं। वहीं कांग्रेस को यहां से नुकसान होता दिख रहा है। पिछले बार 19 सीटें जीतने वाली कांग्रेस को 10 सीटों से संतोष करना पड़ सकता है। JDS को यहां तीन सीटे मिल सकती है।

ओल्ड मैसूर में JDS का क्लीन स्वीप
ओल्ड मैसूर क्षेत्र में 55 सीटें है। जिसमे से BJP को 8 सीटें तो वहीं कांग्रेस को 20 सीटें मिल सकती है। इस क्षेत्र में JDS का अपना जनाधार है जिस कारण उसे यहां 25 सीटें मिलती दिखाई दे रही है। कांग्रेस का लिंगायत कार्ड इन चुनावों में फेल होता दिख रहा है। मुंबई कर्नाटक क्षेत्र जो लिंगायत की राजनीति का केंद्र है वहां से कांग्रेस को 21 जबकि BJP को 23 सीटें मिल सकती है।

सिद्धारमैया पहली पसंद
सर्वें के मुताबिक मुख्यमंत्री की पहली पसंद सिद्धारमैया है। 46 फीसदी से ज्यादा लोगों ने सिद्धारमैया, करीब 32 फीसदी लोगों ने येदियुरप्पा और 17 फीसदी लोगों ने HDK के लिए वोट किया।

 



4 से 16 अप्रैल के बीच किया गया सर्वे
यहां हम आपको ये भी बता दें कि टाइम्स नाउ-VMR का यह सर्वे 4 अप्रैल और 16 अप्रैल के बीच किया गया है। इसमें राज्य के सभी 6 क्षेत्रों से 4,000 से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया। हर क्षेत्र के समान प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन क्षेत्रों को चुना गया। 

क्या थे 2013 के नतीजे?
कांग्रेस - 122 सीट (36.6% वोट शेयर)
बीजेपी -  40 सीट (19.9 % वोट शेयर)
जेडीएस - 40 सीट (20.2% वोट शेयर)
अन्य - 22 सीट (23.3% वोट शेयर)

बीजेपी के लिए अहम क्यों?
- 2013 में बीजेपी सत्ता से अलग हो गई थी।
- कर्नाटक जीत से 2019 के चुनाव के लिए राह आसान होगी।
- दक्षिण भारत का एकमात्र राज्य जहां बीजेपी सत्ता में रही।
- अगर जीते तो दक्षिण भारत में पार्टी विस्तार करने में मदद मिलेगी।

कांग्रेस के लिए अहम क्यों?
- देश में अकेला बड़ा राज्य जहां कांग्रेस की सरकार।
- सत्ता बरकररार रखना राहुल के लिए चुनौती।
- अगर हारी तो पंजाब ही एकमात्र बड़ा राज्य बचेगा।
- जीती को 2019 के लिए कांग्रेस के लिए मनोबल बढ़ेगा।

कर्नाटक में कब होंगे चुनाव?
कर्नाटक की 225 में से 224 विधानसभा सीटों के लिए एक ही चरण में 12 मई को वोटिंग की जाएगी। जबकि नतीजे 15 मई को घोषित किए जाएंगे।     

 

Created On :   23 April 2018 5:45 PM GMT

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