PNB ने उजागर किया 1300 करोड़ का एक और फ्रॉड, जानें कितनी हुई राशि
डिजिटल डेस्क,मुंबई। पंजाब नेशनल बैंक में पिछले दिनों 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले की राशि अब और बढ़ गई है। PNB ने हीरा कारोबारी नीरव मोदी के और फ्रॉड का खुलासा किया है। ये फ्रॉड करीब 1300 करोड़ रुपए का है। पीएनबी की ओर से सोमवार देर रात स्टॉक एक्सचेंज को नीरव मोदी और उनके बिजनस पार्टनर मेहुल चौकसी की ओर से 1,322 करोड़ रुपये के एक और फ्रॉड के बारे में जानकारी दी गई। इस तरह अब घोटाला 12 हजार 600 करोड़ से ऊपर पहुंच चुका है।
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून के तहत पीएनबी में 11,300 करोड़ रुपये के महाघोटाले के आरोपी नीरव मोदी की 21 संपत्तियों को कुर्क किया है। इन संपत्तियों की कीमत 523 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसमें फ्लैट और फार्महाउस शामिल हैं। ईडी ने एक गोदाम में छापा मारकर करीब 10 हजार महंगी घड़ियां जब्त की थीं। जिन्हें 60 प्लास्टिक के बक्सों, 176 स्टील की अलमारियों, और 158 डिब्बों में भरकर रखा गया था। साथ ही ईडी ने नीरव मोदी के बैंक खातों से 30 करोड़ रुपए और सीज किए हैं। नीरव के 13।86 करोड़ रुपए के शेयर्स भी सीज किए गए हैं। गौरतलब है कि ईडी ने नीरव और उनकी कंपनी की करोड़ों रुपये की 9 आलीशान कारों को जब्त किया था।
नोटबंदी से पहले जमा कराए 90 करोड़
वहीं इस मामले में NCP सांसद माजिद मेमन का कहना है कि "जब नीरव मोदी ने भारत छोड़ा था उस वक्त एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के ऐलान से कुछ घंटों पहले ही नीरव ने PNB की एक ब्रांच 90 करोड़ रुपए डिपॉजिट करवाए थे। हो सकता है कि इन पैसों को बाद में सोने-चांदी या किसी और चीज में बदलवा लिया गया हो।" इसके साथ ही 24 फरवरी को किए गए एक ट्वीट में भी मेनन ने यही आरोप लगाए हैं। मेनन ने ट्वीट कर कहा कि "एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पीएम के नोटबंदी के ऐलान से कुछ घंटों पहले 8 नवंबर 2016 को नीरव मोदी ने PNB की एक ब्रांच में भारी कैश डिपॉजिट किया था। इसका क्या मतलब है?"
नीरव मोदी-मेहुल चौकसी के पासपोर्ट रद्द
वहीं पीएनबी में 11,300 करोड़ रुपए का घोटाला करने वाले नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चौकसी का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है। दोनों को नोटिस भेजकर पूछा गया था कि उनका पासपोर्ट क्यों न रद्द किया जाए? दोनों से जवाब की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन जब कोई जवाब नहीं आया तो मंत्रालय ने मान लिया कि इनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है और दोनों का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया।
मेरा धंधा चौपट हुआ, नहीं लौटाउंगा पैसे : मोदी
वहीं इससे पहले PNB स्कैम के मुख्य आरोपी नीरव मोदी ने भी बैंक को लेटर लिखकर पैसा लौटाने से साफ मना कर दिया है। 15-16 फरवरी को मोदी ने एक लेटर लिखकर कहा है कि बैंक की जल्दबाजी के कारण मेरा धंधा चौपट हुआ है और अब बैंक ने रिकवरी के सारे रास्ते बंद कर लिए हैं। मोदी ने अपने लेटर में लिखा कि "बैंक ने 11 हजार करोड़ की देनदारी बताई है, उतनी है ही नहीं। बल्कि ये तो 5000 करोड़ से भी कम की है। मैंने आपको कहा था कि मुझे मेरी संपत्तियों को बेचने की इजाजत दें और अपना लोन रिकवर करें।
चौकसी ने कर्मचारियों से कही दूसरी नौकरी ढूंढने की बात
बता दें कि इस फ्रॉड में शामिल आरोपी गीतांजली जेम्स के मालिक मेहुल चौकसी ने अपने कर्मचारियों को एक लेटर लिखा है। लेटर में मेहुल ने लिखा है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और आखिरी में जीत सच्चाई की ही होगी। कर्मचारियों को लिखे इस लेटर में मेहुल ने ये भी लिखा है कि अब वो सैलरी नहीं दे सकते, इसलिए कोई दूसरी जॉब ढूंढ लें।
क्या है PNB घोटाला?
देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक कहे जाने वाले पंजाब नेशनल बैंक में पिछले दिनों 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले होने का खुलासा हुआ है। ये घोटाला बैंक की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में हुआ। इस घोटाले की शुरुआत 2011 में हुई थी और पिछले 7 सालों में हजारों करोड़ रुपए फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिए गए। दरअसल, डायमंड करोबारी नीरव मोदी और उनके साथियों ने साल 2011 में डायमंड इंपोर्ट करने के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट के लिए पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच से कॉन्टेक्ट किया। आमतौर पर बैंक विदेशों से होने वाले इंपोर्ट के लिए LOU जारी करता है। इसका मतलब ये है कि बैंक नीरव मोदी के विदेश में मौजूद सप्लायर्स को 90 दिन के लिए भुगतान करने को राजी हुआ और बाद में पैसा नीरव को चुकाना था। इन्हीं फर्जी LOU के आधार पर भारतीय बैंकों की विदेशी ब्रांचों ने PNB को लोन देने का फैसला लिया गया। इस घोटाले को खुलासा तब हुआ, जब PNB के भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी रिटायर हो गए और नीरव मोदी की कंपनी ने जनवरी में दोबारा से LOU जारी करने की सिफारिश की। नए अधिकारियों ने ये गलती पकड़ ली और घोटाले की जांच शुरू कर दी। बैंक के मुताबिक, जनवरी में इस फर्जीवाड़े का पता चला तो 29 जनवरी को सीबीआई में शिकायत की और 30 जनवरी को FIR दर्ज हो गई।
Created On :   27 Feb 2018 9:44 AM IST