बनिहाल-बारामूला रेल लिंक की परिचालन लागत 40 प्रतिशत कम होगी
- जम्मू-कश्मीर के बनिहाल-बारामूला रेल लिंक की परिचालन लागत 40 प्रतिशत कम होगी
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में बनिहाल-बारामूला रेल लिंक की कुल 137.73 किलोमीटर लंबाई के विद्युतीकरण के बाद परिचालन लागत (ऑपरेशनल कॉस्ट) में 40 फीसदी की कमी आएगी।उत्तर रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, विद्युतीकरण अधिक किफायती होगा और डीजल के माध्यम से रेलवे के परिचालन की तुलना में इसकी लागत 40 प्रतिशत कम होगी।
उत्तर रेलवे ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के बडगाम से बारामूला जिले तक इलेक्ट्रिक ट्रेन का ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया।जम्मू और कश्मीर को एक वैकल्पिक और एक विश्वसनीय जन परिवहन प्रणाली प्रदान करने की ²ष्टि से, भारत सरकार ने कश्मीर घाटी को देश के रेलवे नेटवर्क से जोड़ने वाली 345 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन की योजना बनाई थी।
जम्मू-उधमपुर-कटरा-काजीगुंड-बारामूला रेल लाइन, जो स्थानीय आबादी और पूरे देश के लिए बहुत महत्व की परियोजना है, को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में घोषित किया गया है। यह परियोजना भारतीय उपमहाद्वीप में शुरू की गई सबसे कठिन रेलवे लाइन परियोजना है।
यह मार्ग हिमालय से होकर गुजरता है और इसके निर्माण में भौगोलिक परिस्थितियों के कारण काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा है। यहां ऊंचे पहाड़ों के साथ अत्यंत ठंडे मौसम के साथ विपरीत परिस्थिति हैं।
जम्मू क्षेत्र के बनिहाल शहर से कश्मीर के बारामूला शहर तक पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला में रेलवे लिंक 173.73 किलोमीटर है, जिसका विद्युतीकरण उत्तर रेलवे ने काजीगुंड, बडगाम और बारामूला में तीन मुख्य सब-स्टेशनों के साथ किया है, जहां से ओवरहेड उपकरणों को बिजली की आपूर्ति की जाएगी।
उत्तर रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि बनिहाल-बारामूला सेक्शन में 10 पावर स्विचिंग स्टेशन होंगे।रेलवे अधिकारी के अनुसार, रेल लाइन के लिए ओवरहेड उपकरण को 25 केवी बिजली क्षमता के साथ आपूर्ति की जाएगी। ट्रांसमिशन सबस्टेशन को जम्मू-कश्मीर में विभिन्न पावर ग्रिड से 132 केवी आपूर्ति मिलेगी।
कर्षण या ट्रैक्शन बिजली वितरण की निगरानी के लिए पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण प्रणाली (स्काडा) बडगाम स्टेशन पर आधारित होगी।रेलवे अधिकारी ने कहा, हमने रेल लिंक के विद्युतीकरण को लेकर बिजली आपूर्ति के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन और केंद्र सरकार से संपर्क किया है।
उन्होंने कहा, हर 400-420 मीटर के बाद बिजली के खंभे लगाए जाएंगे और यह ईंधन पर चलने वाले रेलवे की तुलना में अधिक पर्यावरण के अनुकूल होगा।पहले चरण में बडगाम और बारामूला स्टेशनों के बीच कुल 1,271 बिजली के खंभे लगाए गए। इनमें से सबसे ज्यादा 305 पोल सोपोर और बारामूला के बीच लगाए गए हैं।इसके अलावा, बडगाम से मझामा, मझामा से पट्टन, पट्टन से हमरे और हमरे से सोपोर के बीच पोल लगाए गए हैं।
(आईएएनएस)
Created On :   29 March 2022 7:30 PM IST