रिटायरमेंट की उम्र 2 साल बढ़ाने पर मप्र सरकार ने जारी किया अध्यादेश
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 साल से बढ़ाकर 62 साल करने का ऐलान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किया है। इसका अध्यादेश भी शनिवार को जारी कर दिया गया। जो कर्मचारी 31 मार्च 2018 को रिटायर हो रहे थे, उनको भी अब इसका फायदा मिलेगा। सीएम के इस फैसले को आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है। क्योंकि 1998 में कांग्रेस ने भी कुछ ऐसा ही किया था.. जिसका सीधा फायदा उसे जीत के रूप में मिला था। तो क्या ये मान लिया जाए कि चुनाव से पहले सीएम का खेला गया ये स्ट्रोक बीजेपी के लिए मास्टर स्ट्रोक साबित होगा? देखिए हमारी ये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की संख्या 6 लाख 50 हजार से ज्यादा है। इनमें से शिक्षा और डॉक्टरी के पेशे से जुड़े अधिकारी-कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र पहले से 62 से 65 साल है। सरकार के फैसले से करीब 3 लाख 50 हजार अधिकारी-कर्मचारी प्रभावित होंगे। मौजूदा साल में 18 हजार कर्मचारी रिटायर होने वाले थे लेकिन सीएम के ऐलान के बाद इन कर्मचारियों का रिटायरमेंट 2 साल आगे बढ़ गया है। फैसले से कर्मचारी जगत में खुशी का माहौल है। उनके घर-परिवार में भी सीएम के इस फैसले का खुलकर स्वागत किया जा रहा है। ऐसे में अब ये संभावना बढ़ गई है कि कर्मचारी वर्ग का वोट बीजेपी के पक्ष में जाएगा। 1998 में भी कांग्रेस ने चुनाव से पहले कुछ ऐसा ही दाव खेला था। उस समय दिग्विजय सरकार ने रिटायरमेंट की उम्र 58 से बढ़ाकर 60 साल कर दी थी। इसका सीधा फायदा उसे चुनाव में मिला था। अगले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई थी।
वहीं दूसरी ओर प्रदेश के युवा शिवराज सरकार के इस फैसले से नाराज हैं। वे फैसले के खिलाफ आंदोलन करने की भी चेतावनी दे रहे हैं। क्योंकि सरकारी आकड़े के मुताबिक प्रदेश में 23 लाख 90 हजार रजिस्टर्ड बेरोजगार है, लेकिन असल में ये संख्या इससे कई ज्यादा है। बेरोजगार संगठन का दावा है कि ये संख्या 75 लाख के करीब है। वहीं ये संगठन इस तरह के फैसले को राजनीति से प्रेरित फैसला बता रहा है। ऐसे में सवाल ये भी है कि कर्मचारी वर्ग को खुश कर कही शिवराज सरकार ने युवाओं को तो नाराज नहीं कर दिया।
ग्रेच्युटी, पीएफ समेत रिटायरमेंट के लाभ के रुप में एक कर्मचारी को औसतन 20 से 25 लाख रुपए का भुगतान होता है। इसके तहत सरकार पर करीब 450 करोड़ का भार आएगा। पहले से कर्ज में चल रही सरकार के लिए इससे निपटना एक बड़ी चुनौती होगी तो बेरोजगार युवाओं की नाराजगी को सरकार किस तरह से दूर करती है ये भी देखना होगा।
Created On :   1 April 2018 12:53 AM IST