हल्के लड़ाकू विमानों की कमी देश के लिए बड़ा खतरा- PAC रिपोर्ट

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हल्के लड़ाकू विमानों की कमी देश के लिए बड़ा खतरा- PAC रिपोर्ट
हल्के लड़ाकू विमानों की कमी देश के लिए बड़ा खतरा- PAC रिपोर्ट
हाईलाइट
  • PAC ने रविवार को एक रिपोर्ट पेश की।
  • भारत को फिलहाल 42 स्क्वॉड्रंस की जरूरत है
  • लेकिन सिर्फ 35 स्क्वॉड्रंस ही ऑपरेशनल हैं।
  • रिपोर्ट के मुताबिक देश में हल्के लड़ाकू विमानों की कमी है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय संसद की पब्लिक एकाउंट्स कमेटी (PAC) ने रविवार को एक रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) यानि हल्के लड़ाकू विमानों की कमी है। कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में PAC ने सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि LCA की कमी को पूरा नहीं किया गया, तो यह देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। बता दें कि PAC की यह रिपोर्ट उस वक्त सामने आई है, जब केंद्र सरकार राफेल जेट के सौदे को लेकर घिरी हुई है।

PAC की "डिजाइन्स डेवलपमेंट, मैन्यूफैक्चर एंड इंडक्शन ऑफ लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट" नाम की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के लिए यह स्थिती ठीक नहीं है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "केंद्र सरकार को एयरफोर्स की जरूरतों पर गौर करना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले सरकार को विदेश से जेट एयरक्राफ्ट के आयात को रोकना होगा और इसके बदले देश में ही एयरक्राफ्ट के निर्माणों को शुरू करना होगा।" रिपोर्ट में कहा गया है, "सुपरसोनिक फाइटर जेट को विकसित करने में काफी देरी हो रही है। इंडियन एयरफोर्स को अभी फिलहाल मिग-BIS, मिग-29 और मिराज-2000 समेत कइ जेट को अपग्रेड करना है, जिस पर करीब 20 हजार करोड़ की लागत आएगी।"

इसके अलावा अपने रिपोर्ट में PAC ने हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पर भी निशाना साधा है। HAL द्वारा जल्द से जल्द "तेजस" जैसे हल्के लड़ाकू विमान नहीं उपलब्ध कराने को लेकर कमेटी ने नाराजगी जताई है। कमेटी ने कहा, "HAL की नाकामी चिंता का विषय है। इंडियन एयरफोर्स को जुलाई 2018 तक 200 तेजस फाइटर जेट और 20 ट्रेनर एयरक्राफ्ट की जरूरत थी। जबकि एयरफोर्स को बस 9 तेजस जेट ही मिल पाए।" रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को जल्द से जल्द मिग-21 और मिग-27 का रिप्लेसमेंट ढुंढ़ने की जरूरत है, क्योंकि यह दोनों जेट अगले 10 सालों में रिटायर हो जाएंगे।

गौरतलब है कि इंडियन एयरफोर्स पिछले काफी समय से लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट की मांग कर रही है। दरअसल मिग-21 और मिग-27 के बढ़ते दुर्घटनाओं के बाद तत्कालिन कांग्रेस सरकार ने इन जेट विमानों को बदलकर नए विमानों को बनाने की बात कही थी। हालांकि डिफेंस मिनिस्ट्री के अंदर आने वाली एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) तीन दशक बीत जाने के बावजूद हल्के एयरक्राफ्ट विकसित नहीं कर पाई है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय वायु सेना को फिलहाल 42 स्क्वॉड्रंस की जरूरत है, लेकिन सिर्फ 35 स्क्वॉड्रंस ही ऑपरेशनल हैं। बता दें कि PAC में लोकसभा और राज्यसभा दोनों को मिलाकर बीजेपी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिरोमणी अकाली दल, बीजू जनता दल और शिवसेना के कुल 22 सदस्य शामिल हैं। 

Created On :   16 Dec 2018 7:15 PM IST

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