550वीं गुरुनानक जयंती पर करतारपुर साहिब के लिए गेट खोलेगा पाकिस्तान
- इसके लिए अब भारतीयों को वीजा की भी जरूरत नहीं पड़ेगी
- भारत और पाकिस्तान के करतारपुर के बीच महज तीन किलोमीटर की दूरी है
- भारतीय श्रद्धालु पाकिस्तान के करतारपुर साहिब में दर्शन के लिए जा सकेंगे
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। गुरुनानक देव की 550वीं जयंती पर पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब के लिए बंद गलियारा (गेट) खोलने का निर्णय लिया है। इसे कांग्रेस नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पाकिस्तान यात्रा से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पाक आर्मी चीफ जनरल कमर बाजवा से गले मिलकर सिद्धू विवादों के केंद्र में आ गए थे, हालांकि अब इसे उनकी हग डिप्लोमेसी के नतीजे के तौर पर देखा जा रहा है। बहरहाल, अभी भारत सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बता दें कि करतारपुर कॉरीडोर खुलने का मतलब है कि भारतीय श्रद्धालु पाकिस्तान के करतारपुर साहिब में दर्शन के लिए जा सकेंगे। इसके लिए वीजा की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। भारत और पाकिस्तान के करतारपुर के बीच महज तीन किलोमीटर की दूरी है, इस दूरी को पार करने के लिए सिख श्रद्धालुओं को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।
गले मिलने पर हुआ था विवाद
सिद्धू के पाकिस्तान दौरे पर काफी विवाद हुआ था, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान से कॉरिडोर खोलने को कहा था। इसे सिख कौम की बड़ी जीत के रूप में भी देखा जा रहा है। सिद्धू ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर बाजवा से गले मिलने को कभी गलत नहीं ठहराया। सिद्धू ने कहा था कि अगर करतारपुर कॉरीडोर खुलवाने के लिए मुझे किसी के पांव भी पड़ने पड़ें तो मै तैयार हूं।
करतारपुर साहिब कॉरिडोर का इसलिए महत्व
करतारपुर साहिब में गुरुनानक देव ने अपने जीवन के आखिरी 15 साल बिताए थे। उन्होंने 1539 में यहां आखिरी सांस ली। करतारपुर में गुरुनानाक देव ने सिख धर्म स्थापित किया था।
पाकिस्तान के इस फैसले पर कांग्रेस नेता सिद्दू ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है। इससे पंजाब के लोगों को काफी फायदा मिलेगा। सिद्धू ने कहा कि आज ऐसा लग रहा है, जैस जीवन सफल हो गया हो। ये बाबा नानक की कृपा है। उन्होंने कहा कि इस फैसले के लिए मैं पाकिस्तान के प्राधनमंत्री और मेरे दोस्त इमरान खान का शुक्रिया अदा करता हूं। सब कुछ बहुत जल्दी हो गया।
Created On :   7 Sept 2018 12:43 PM IST